राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए कांग्रेस ने नामों का ऐलान कर लिया है। पार्टी ने स्थानीय चेहरे को मौका नहीं दिया है। बाहरी उम्मीदवारों पर दांव खेला है। पार्टी में स्थानीय चेहरे को मौका नहीं दिए जाने का विरोध भी हो सकता है। क्योंकि कांग्रेस के आदिवासी विधायक किसी आदिवासी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे धे। पार्टी के इस निर्णय से अब बीटीपी के दो विधायकों का समर्थन मिलना खटाई में पड़ सकता है। कांग्रेस की 2 सीटों पर जीत तय है, लेकिन तीसरी सीट के लिए पार्टी को 123 विधायकों की आवश्यकता पड़ेगी। पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी के निर्णय से राज्यसभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग की आशंक बढ़ गई है। बीजेपी नेताओं का दांवा है कि कुछ कांग्रेस और निर्दलीय विधायक संपर्क में है। वैसे भी राज्यसभा चुनाव में राजस्थान में क्राॅस वोटिंग का पुराना इतिहास रहा है।
तीनों ही उम्मीदवार बाहरी
पार्टी ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। तीनों ही उम्मीदवार राजस्थान के नहीं है। रणदीप सुरजेवाला हरियाणा, मुकुल वासनिक महाराष्ट्र और प्रमोद तिवारी यूपी से आते हैं। राज्यसभा के लिए 10 जून को मतदान होगा। एआईसीसी ने नामों का ऐलान कर दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा होने जा रहा है। यह चारों भाजपा से हैं। नए सदस्यों के लिए 10 जून को मतदान होना है। जिसकी चुनाव प्रक्रिया जारी है। राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होने है।
कांग्रेस को चाहिए 123 विधायक
राजस्थान विधानसभा में संख्या बल कांग्रेस के पक्ष में है। कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2 और आरएलडी के पास एक विधायक है। कांग्रेस को सभी 13 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन का ऐलान किया है। माकपा के 2 विधायकों का भी कांग्रेस के समर्थन मिल सकता है। ऐसे संकेत पार्टी के नेता प्रकाश करात ने हाल में दिए थे। आरएलडी के एक विधायक का समर्थन भी कांग्रेस को मिलेगा। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के 3 सीट जीतने के आसार है, लेकिन जिस तरह पार्टी ने बाहरी उम्मीदवारों पर दांव खेला है। उससे क्राॅस वोटिंग की संभावना बढ़ गई है। बीजेपी ने दो प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। बीजेपी ने एक नाम का ऐलान भी कर दिया है। जबकि दूसरे नाम का ऐलान नहीं किया है। बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के विधायक संपर्क में है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के विधायको को एकजुट करने की रहेगी।
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बीजेपी को निर्दलीय विधायकों से आस
कांग्रेस के पास 2 सीटों पर जीत के लिए बहुमत है लेकिन तीसरी सीट पर जीत के लिए उसे निर्दलीय विधायकों का सहारा लेना पड़ेगा। ऐसे में बीजेपी भी 2 सीटों पर प्रत्याशी खड़ा कर इस सियासी रंग को रोचक बनाना चाहती है। चुनाव आयोग की ओर से जारी चुनावी कार्यक्रम में 24 से 31 मई तक इन सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन होगा। 1 जून को प्राप्त होने वाले नामांकन की स्क्रूटनी और 3 जून को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख होगी। इसके बाद 10 जून को मतदान होगा। उसके बाद नतीजे जारी कर दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। राजस्थान से ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, राम कुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल पूरा हो गया है। ये चारों सीटें भाजपा के पास थी। इनका कार्यकाल 4 जुलाई तक रहेगा।
कांग्रेस को होगा फायदा
राजस्थान से राज्यसभा के 10 सांसदों में से 7 भाजपा, 3 कांग्रेस सांसद है। कांग्रेस की 2 और भाजपा की 1 सीट पर जीत तय है। इस लिहाज से कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 5 और भाजपा की 4 रह जाएगी। कांग्रेस से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी है। वहीं भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और राजेंद्र गहलोत है।