राजस्थान में कांग्रेस ने केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ राजधानी जयपुर सहित सभी जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में आज सत्याग्रह किया और इस दौरान धरना-प्रदर्शन कर इस योजना को वापस लेने की मांग की गई।
इस योजना के खिलाफ राष्ट्रीय कांग्रेस के आह्वान पर सुबह दस बजे पार्टी के लोगों का सत्याग्रह शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक धरने-प्रदर्शन करके केन्द्र सरकार से यह योजना वापस लेने की मांग की गई। राज्य में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने गृह जिले में अपने विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में आयोजित पार्टी के सत्याग्रह में शामिल हुए और इस योजना को वापस लेने की मांग की।
जयपुर में सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र सहित विभन्नि विधानसभा क्षेत्रों में धरना-प्रदर्शन करके इस योजना के प्रति विरोध जताया गया। सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र में खाद्य मंंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास इस दौरान मंच पर नहीं बैठकर जनता की बीच बैठे रहे और सादगी का संदेश देते हुए लोगों का ध्यान अपनी और खींचा। जयपुर के सांगानेर क्षेत्र में कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज के नेतृत्व में सत्याग्रह किया गया।
जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र एवं राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कांग्रेस के सत्याग्रह में भाग लिया और उन्होंने इस योजना को नौजवानों के विरुद्ध बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
वहीं, भीलवाड़ा जिले के मांडल में राजस्व मंत्री रामलाल जाट के नेतृत्व में सत्याग्रह किया गया, जबकि भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी के नेतृत्व में कांग्रेस के लोगों ने इस योजना के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया गया। भरतपुर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन हुआ और इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके इस योजना के खिलाफ विरोध जताया और इसे वापस लेने की मांग की।
कोटा में स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रव्द्रिर त्यागी, खादी बोर्ड उपाध्यक्ष पंकज मेहता सहित कई कांग्रेस नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने इस योजना का विरोध किया।
इसी प्रकार दौसा, डूंगरपुर, पाली, नागौर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, राजसमंद सहित सभी जिलों में अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के मंत्री, विधायक एवं नेता तथा कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह किया और इस योजना को वापस लेने की मांग की।