राजस्थान भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफा ब्लैक पेपर जारी किया है। भाजपा ने कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा है। भाजपा ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया है। ब्लैक पेपर में कहा गया है कि महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजस्थान सिरमौर है। देश भर में घटित दुष्कर्म की घटनाओं में अकेले 22 प्रतिशत राजस्थान से है। हर परीक्षा में धांधली हो रही है। पेपर लीक हो रहे हैं। बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है। बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करने के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है। किसानों का कर्जा माफ नहीं किया गया। किसानों की जमीनें नीलाम हो रही है। रामनवमी पर शोभायात्रा पर बैन लगा दिया गया। करौली हिंसा और जोधपुर में हिंसा को लेकर भी भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा है। मेवात क्षेत्र में हिंदुओं का पलायन और समुदाय विशेष को संरक्षण दिया गया। राज्य सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण हिंदुओं का पलायन हो रहा है।
गहलोत सरकार पर बरसे बीजेपी नेता
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने ब्लैक पेपर जारी किया। पार्टी का आरोप है कि गहलोत सरकार में युवा परेशान है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है। कांग्रेस ने वादा किया था, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं किया। गहलोत सरकार के खिलाफ युवाओं में आक्रोश है। हर परीक्षा में धांधली हो रही है। राजस्थान की गहलोत सरकार संवेदनहीन और निर्लज सरकार है। जिसे प्रदेशवासियों की चिंता नहीं है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। सीएम गहलोत खुद शिक्षक सम्मेलन में स्वीकार कर चुके हैं।
कोटा में समर्थकों में चले लात-घूसे
इससे पहलो आज कोटा में भाजपा की कार्यसमिति की बैठक हुई। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल,कैलाश चैधरी, नेता प्रति पक्ष गुलाबचंद कटारिया,उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए। लेकिन कार्यसमिति की बैठक में बाहर जमकर हंगामा हो गया। वसुंधरा अपने समर्थकों के नारों के बीच अजीबोगरीब स्थिति भी पैदा हो गई। उनके मीडिया एडवाइजर और पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। वहां एंट्री को लेकर भाजपा नेता कार्यकर्ता भिड़ते और एक दूसरे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे।