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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का प्रदेश के चार जिलों में विरोध हो रहा है। जयपुर से शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन जोधपुर, सीकर और अजमेर भी पहुंच गया है। यहां शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के कार्यकर्ताओं और युवाओं ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
उधर, अग्निपथ योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा, सेना जैसे संवेदनशील संस्थान में संविदा भर्ती करना अविवेकपूर्ण फैसला है। सेना को अभी तक गैर-राजनीतिक और वित्तीय बंधनों से मुक्त रखा गया। सैनिक भविष्य की चिंता किए बिना देश सेवा में अपना योगदान दे सकें, इसलिए सेना में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को लागू किया। ऐसे में अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान के हजारों युवा देशसेवा के लिए सेना में भर्ती होते हैं। अग्निपथ योजना से राजस्थान समेत पूरे देश के लाखों युवाओं में रोष और नाराजगी है। देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार को यह योजना वापस लेनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा, विरोध में हिंसा का रास्ता न अपनाएं।
पहले खाली पदों को भरा जाए: पायलट
इधर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मुख्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को पहले खाली पदों को भरना चाहिए था। एक लाख 20 हजार अधिकारियों के पद थल सेना में खाली हैं। अहंकार और जिद में सेना पर ऐसी योजना नहीं थोपी जानी चाहिए। जिनके लिए यह योजना लाई गई है वह सड़कों पर हैं। इस योजना से फायदा कम और नुकसान ज्यादा है। पायलट कहा, जैसे किसानों से बिना पूछे किसान कानून लाए थे और देश में किसान आंदोलन हो गया था। ऐसे ही सेना अधिकारियों और सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं को विश्वास में लिए बिना सरकार यह योजना लाई है।