हरी भरी वादियों और घाटियों से घिरा संपदा युक्त पहाड़ियों के बीच स्थित है बारां। यहां प्राचीन युग के अवशेष यंत्र-तंत्र बिखरे पड़े हैं। जिले का इतिहास 14 वीं शताब्दी का माना जाता है, जब सोलंकी राजपूतों ने यहां शासन किया था। 1949 में राजस्थान के पुनर्गठन के समय बारां कोटा का मुख्य आंचलिक कार्यक्षेत्र बना और 1991 में इसे जिला बनाया गया। बारां की प्राकृतिक सुंदरता, शक्तिशाली किले, सुंदर मंदिर समूह और इसकी वास्तुकला दर्शनीय है। आज हम आपको शहर के 13 प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे, आइए जानते हैं…
रामगढ़ भंडदेवरा मंदिर
10वीं शताब्दी का यह एक प्राचीन मंदिर माना जाता है। इसकी वास्तुकला की शैली खजुराहो शैली से मिलती जुलती है, इसी लिए इसे राजस्थान का ‘मिनी खजुराहो’ भी कहा जाता है। एक छोटे तालाब के किनारे बसा यह मंदिर अन्य मंदिरों से अनूठा है। यहां प्रसाद के तौर पर एक देवता को मिठाई और सूखे फल चढ़ाए जाते हैं तो दूसरे आराध्य की सेवा में मांस मदिरा का भोख लगाया जाता है।
शाहबाद किला
16वीं शताब्दी में चौहान राजपूत मुक्तमनी देव ने इस किले का निर्माण कराया था। घने जंगली इलाके में सीना ताने यह किला कुंड कोह घाटी से घिरा है। इतिहास के अनुसार इस किले की रक्षा के लिए 18 शक्तिशाली तोपें स्थापित की गईं थीं, जिनमें एक तोप की लंबाई 19 फुट थी। एक रोचक तथ्य यह भी है कि मुगल सम्राट औरंगजेब का वास भी यहां कुछ समय के लिए रहा था।
शाहबाद की शाही जामा मस्जिद
यह मस्जिद अपने वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। इसका प्रारूप दिल्ली की जामा मस्जिद को देखकर बनाया गया। यह अपने सुंदर मेहराबों और स्तम्भों के कारण जानी जाती है।
शेरगढ़ किला
परवन नदी के किनारे स्थित शेरगढ़ किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। कई राजवंशों के शासन करने के बाद शेर शाह सूरी ने इस पर कब्जा कर लिया। जिससे इसका नाम शेरगढ़ किला पर गया। इसका मूल नाम कोषवर्धन था। 790 ईस्वी का एक शिलालेख शेरगढ़ किले के भव्य इतिहास को दर्शाता है।