ख़बर सुनें
विस्तार
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर 10 जून को चुनाव होने हैं। कांग्रेस की दो और भाजपा की एक सीट पर जीत स्पष्ट है। घमासान चौथी सीट पर है, जिसके लिए कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारा है, जबकि भाजपा ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे ही चुनाव दिलचस्प हो गए हैं।
तीन दिन बाद यानी 10 जून को वोटिंग होनी है। कांग्रेस का दावा है कि उसने तीन सीटें जीतने की व्यवस्था कर ली है। कांग्रेस ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी कर ली है। साथ ही भाजपाई खेमे के विधायकों को तोड़ने के लिए जोर-आजमाइश भी शुरू कर दी है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने साफ कर दिया है कि उसके दो विधायकों का साथ निर्दलीय को मिलेगा, यानी भाजपा समर्थित उम्मीदवार चंद्रा को।
दरअसल, राज्यसभा की सीट जीतने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 41 वोट चाहिए। कांग्रेस के पास दो और भाजपा के पास एक सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पर्याप्त वोट मौजूद है। चौथी सीट के लिए कोई भी जीत की भविष्यवाणी नहीं कर सकता। जिस तरह चंद्रा और भाजपा ने मेहनत की है, लग रहा है कि मुकाबला करीब का रहने वाला है।
इनकी जीत तो तय है
राजस्थान में कांग्रेस ने तीनों प्रत्याशियों को जिताने की अपील की है। मॉक पोल में ऐसा होगा नहीं। रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक को प्रमुखता मिलेगी। तीसरे नंबर पर प्रमोद तिवारी रहेंगे। सुरजेवाला और वासनिक की जीत में कोई अड़चन नहीं है। हालांकि, प्रमोद तिवारी की जीत निर्दलियों के समर्थन पर निर्भर करेगी। इसी तरह भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है। निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को भाजपा ने समर्थन दिया है। उनके अलावा हनुमान बेनीवाल की पार्टी और कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियां चंद्रा के साथ हैं।