जोधपुर नगर निगम उत्तर ने केरु में अनुपयोगी सामान से वेस्ट टू वंडर पार्क तैयार कर दिया है। अब यह पार्क लोगों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने, साफ-सफाई रखने को लेकर जागरुक भी कर रहा है। पार्क में फिल्मी डायलॉग के जरिए बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने का संदेश दिया जा रहा है।
नगर निगम उत्तर की आयुक्त राजेन्द्र कविया ने बताया कि गार्बेज फ्री सिटी की थीम को ध्यान में रखते हुए अनुपयोगी सामान को उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर सुमित माहेश्वरी के साथ मिलकर नगर निगम उत्तर की स्वच्छ भारत मिशन टीम ने एक मॉडल के रूप में वेस्ट टू वंडर पार्क डिजाइन किया है। इस पार्क को तैयार करने में पुराने समान को ही नया रूप देने पर ही जोर दिया गया।
अब हम भविष्य में जोधपुर के आम लोगों के लिए ऐसे पार्क को मॉड्यूल के तौर पर पेश करेंगे, जिससे स्वच्छ भारत मिशन के गार्बेज फ्री सिटी में नगर निगम उत्तर अच्छा प्रदर्शन कर सके। कविया ने बताया, इस मुहिम में एसबीएम टीम के अधिशासी अभियंता संजय पुरोहित, एईन अंकित पुरोहित और एईन सचिन मौर्य का भी सहयोग रहा है।
पार्क में यूज्ड प्लास्टिक की बोतलों को भी काम में लिया गया है। बोतलों पर रंग करके गमलों का रूप दिया गया है। वेस्ट कांच की बोतलों से लैंड एस्केपिंग करके विभिन्न डिजाइनर करविंग की गई। साथ ही बेकार पत्थरों को काम में लेकर आकर्षक चित्रकारी बनाई गई है। पार्क में लेटेस्ट फिल्मों के डायलॉग को पर्यावरण और स्वच्छ्ता से जोड़कर लिखा गया है।
पार्क में बेकार टायरों को गार्डन चेयर और टेबल के रूप काम में लिया जा रहा है। वेस्ट प्लास्टिक की बोतल से बने गमलों के स्क्रैप से 10 से ज्यादा तरह के डिजाइनर कलरफूल फ्लॉवर बनाए गए हैं। इन्हीं फ्लॉवर को काम में लेकर स्क्रैप वायर, लकड़ी के डंठल से आर्टिफीसियल फ्लावर प्लांट्स का लुक दिया गया। पेंट्स के पुराने टीन और प्लास्टिक के डिब्बों से गार्डन के पेड़ों में कलरफुल लैंप बनाए गए हैं। एडिबल ऑइल के जार और बांस को कलर करके आकर्षक हैंगिंग गार्डन का कांसेप्ट दिया गया है। पेड़ों पर भी तरह-तरह के जीव जंतुओं की कलाकृतियां बनाई गई हैं।