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राजस्थान के 11 जिलों में लंपी स्किन डिजीज फैल चुका है। प्रदेश के पशु तेजी से इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 50 हजार से ज्यादा पशु संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। वहीं, तीन हजार से ज्यादा गाय-भैसों की इस बीमारी से मौत हो चुकी हैं। हालांकि, यह आंकड़ा पूरी तरह से सही नहीं। प्रदेश के जिलों में हो रहे सर्वे में मृतक पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि पशुपालन विभाग के अनुसार प्रदेश में 2727 रजिस्टर्ड गौशाला हैं। इसके अलावा कई अनरजिस्टर्ड डेयरियां भी प्रदेश में चल रही हैं। गांव और शहरों में रहने वाले लाखों लोग अपने घरों में गाय-भैंस भी पालते हैं।
इधर, प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए भाजपा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कहा, लंपी स्किन डिजीज प्रदेश में तेजी से फैल रहा है। इसे लोग गूमड़ा बीमारी भी कह रहे। हजारों गाय इस संक्रमण की चपेट में आ गईं हैं और सैकड़ों की मौत भी हो गई है। संक्रमण से ग्रसित गायों के इलाज के लिए राजस्थान सरकार एक विशेष अभियान चलाए। उन्हें एक जगह एकत्रित करे और डॉक्टर लाकर उनका इलाज कराए। अगर, सरकार ने इसे गंभीर से नहीं मिला तो हमें मजबूर होकर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।
सरकार ने समय पर नहीं दिया ध्यान: शेखावत
इधर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक एडवायजरी जारी की है। प्रदेश सरकार को भी संक्रमित स्थानों पर मवेशियों के बचाव के लिए गोट पॉक्स टीकाकरण का प्रबंध करने को कहा गया है। केंद्र सरकार की ओर से भी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। लंपी संक्रमण को लेकर जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर सहित अन्य जिलों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्होंने राजस्थान सरकार पर भी निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संक्रमण के त्वरित समाधान का प्रयास नहीं किया गया। इसे लेकर प्रशासन को गंभीरता से सक्रिय होना होगा।
जानिए, बीमारी के लक्षण
पशु चिकित्सक के अनुसार लंपी स्किन डिजीज का सबसे ज्यादा असर दुधारू पशुओं पर दिख रहा है। यह डिजीज होने पर पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं। उन्हें तेज बुखार आता है, साथ ही सिर और गर्दन में तेज दर्द होता है। डिजीज के चपेट में आने से पशुओं के दूध देने की क्षमता भी घट जाती है।
यह सावधानियां बरतें
डॉक्टरों ने अनुसार लंपी स्किन डिजीज मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है। दूषित पानी और चारे के कारण पशुओं को यह संक्रमण अपनी चपेट में लेता है। अगर किसी पशु में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो अन्य गाय-भैंसों से अलग कर दें। किसी अन्य पशु को उनका झूठा पानी या चारा न खिलाएं। साथ ही पशु रखने वाले स्थान पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें।