ईओ भरत हरितवाल
– फोटो : Amar Ujala Digital

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झुंझुनूं जिले की पिलानी नगर पालिका के ईओ को हटाने के मामले में खोले गए मोर्चे पर पहली बार ईओ भरत हरितवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर मैं गलत हूं तो विभाग जांच कर करवाई करेगा।

ईओ भरत हरितवाल ने पार्षदों की ओर से उनकी शिकायत करने और फिर पार्षदों के समर्थन करने के बारे में किए गए सवाल पर कहा कि ये सब जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है। दरअसल पिलानी नगर पालिका ईओ को हटाने के लिए पार्षदों ने डीएलबी संयुक्त सचिव को ज्ञापन लिखा था। इसमें ईओ पर अपमानजनक व्यवहार और पैसे लेकर कार्य करने का आरोप लगाया गया। वहीं, पिलानी नगर पालिका ईओ के समर्थन में भी खुलकर सामने आए 35 में से 27 पार्षदों ने विधायक जेपी चंदेलिया को ईओ को यथावत रखने के लिए पत्र लिखा। 

ईओ को हटाने और यथावत रखने के मुद्दे पर धड़ों में बंटे पार्षदों में जमकर खींचतान

पिलानी नगर पालिका में ईओ को हटाने और यथावत रखने के मुद्दे पर धड़ों में बंटे पार्षदों में जमकर खींचतान देखी जा रही है। जहां एक धड़े के पार्षदों ने डीएलबी के संयुक्त सचिव को दिए शिकायती पत्र में ईओ को हटाने की मांग की थी। वहीं, पालिकाध्यक्ष हीरालाल नायक के नेतृत्व में एकजुट हुए पार्षदों ने ईओ को यथावत रखने की मांग की है। विधायक जेपी चंदेलिया को लिखे पत्र में चेयरमैन ने ईओ हरितवाल के काम को संतोषजनक बताते हुए उन्हें ईमानदार और बिना किसी भेदभाव के अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने वाला अधिकारी बताया है। 

सांठ गांठ का खेल 

साथ ही आरोप लगाया है कि नगर पालिका के कुछ पार्षदों ने निजी हितों की पूर्ति न होने पर ईओ की शिकायत की है, जो कि निराधार और बेबुनियाद है। दिलचस्प बात ये रही कि ईओ के पक्ष में हस्ताक्षर करने वाले कुछ पार्षदों में वो भी शामिल हैं, जो पहले उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि यह हृदय परिवर्तन अचानक कैसे हो गया? या इसमें भी कोई सांठ गांठ का खेल ईओ और पार्षदों में हो गया है। क्या पहले ईओ पर किसी बात के लिए दवाब बनाने की कोशिश की जा रही थी, ताकि राजनीतिक रोटियां सेकी जा सकें या पार्टी विशेष से ऊपरी दबाव पार्षदों पर आया है।

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