आइसक्रीम खाने से कजन भाई बहन की मौत।
– फोटो : अमर उजाला

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नागौर के मेड़ता रोड स्थित बामनावास ग्राम पंचायत की नायक बस्ती में बच्चों को यह फूड पॉइजनिंग की घटना हुई। बच्चे गर्मी से राहत पाने के लिए थैली में आने वाली ऑरेंज बर्फ की आइसक्रीम बाजार में खाकर आए थे। जिसके 24 घंटों में ही तीनों ने दम तोड़ दिया। आइसक्रीम खाने के बाद बच्चों को उल्टी-दस्त और पेटदर्द शुरू हो गया। 

8 साल के रूपाराम 12 साल की सरिता, 4 साल की लक्ष्मी ने तोड़ा दम

पंचायत समिति सदस्य सदस्य राजेश जांगड़ा ने बताया कि नायक बस्ती के अमराराम के पोते 8 साल के रूपाराम और पोती 12 साल की सरिता की मौत हो गई। इन्होंने बस्ती की एक दुकान से लोकल ब्रांड के आइसक्रीम खरीद कर खाई थी। दोनों बच्चों के साथ गांव के श्यामलाल की 4 साल की बच्ची लक्ष्मी ने भी आइसक्रीम खाई थी। 

रविवार को सुबह बच्चों ने यह आइसक्रीम खरीद कर खाई थी। जिसके 24 घंटों के अंदर तीनों बच्चों को उल्टी, पेटदर्द की शिकायत हुई और अस्पताल में इलाज के दौरान तीनों ने दम तोड़ दिया। बच्चों की मौत की सूचना से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आइसक्रीम और पानी के सैंपल लिए हैं। 

बस्ती के अन्य बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बच्चे रूपाराम की मौत दोपहर 3 बजे हुई। जिसके नाद परिजन शाम 6 बजे रूपाराम का मेड़ता रोड में अंतिम संस्कार कर घर लौये, घर लौटते ही बच्ची सरिता को उल्टियां होने लगीं। तो उसे तुरंत जोधपुर के सरकारी अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया।

बच्चों के दादाजी अमराराम ने बताया कि सरिता को उल्टियां करते देख उसे तुरंत ही जोधपुर के सरकारी हॉस्पिटल ले गए और  इलाज शुरू कर दिया गया।  सरिता का इलाज चल ही रहा था, कि बस्ती में रविवार रात 12 बजे पड़ोस में रहने वाली बच्ची लक्ष्मी को भी उल्टियां शुरू हो गई।लक्ष्मी के पिता श्यामलाल और परिजन उसे लेकर जोधपुर हॉस्पिटल पहुंचे।  सरिता और लक्ष्मी का जोधपुर में इलाज के दौरान रात 3 बजे सरिता ने और सोमवार सुबह 6 बजे लक्ष्मी ने दम तोड़ दिया। 24 घंटे में तीनों बच्चों की मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया।

कबाड़ बेचने पर मिले पैसे बच्चों को दिए थे

एक बच्चे के परिजन जोगाराम ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे हमने कबाड़ बेचा था। जिसके बदले में 60 रुपए मिले थे।  वो पैसे बच्चों को बांट कर कुछ मिठाई खरीद कर खा लेने के लिए दिए थे। उन्हीं पैसों से बच्चों ने गांव की ही एक दुकान से टॉफी, कुरकुरे और आइसक्रीम खरीद कर लाए थे। जो मौत का कारण बने। हालांकि दुकान के मालिक ने कहा है कि दूसरे बच्चों ने भी आइसक्रीम खाई थी। उनकी तबीयत नहीं बिगड़ी। ऐसे में आइसक्रीम की वजह से मौत को लेकर मैं कुछ नहीं जानता। अभी तक पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।

स्वास्थ्य विभाग इलाके में और बच्चों की कर रहा है स्क्रीनिंग

अब स्वास्थ्य विभाग  गांव में अन्य बच्चों की स्क्रीनिंग और हेल्थ चेक अप करने जुटा है। ब्लॉक सीएमओ डॉ. सुशील दिवाकर ने बताया कि 24 घंटे के दौरान तीन बच्चों की सूचना मिलते ही सोमवार को नायक बस्ती पहुंच गए थे।  चिकित्सा विभाग की टीमों को लगा दिया गया है। बस्ती के बच्चों की स्क्रीनिंग चल रही है। फिलहाल कोई और बच्चा इस तरह का बीमार नहीं लग रहा है। फिर भी एहतियात के तौर पर स्क्रीनिंग जारी है। मौत का कारण विसरा और अन्य रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा।

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