Rise in the stature of Arjun Ram Meghwal stirs up politics in Rajasthan

अर्जुन राम मेघवाल
– फोटो : Amar Ujala Digital

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प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भाजपा आलाकमान का एक और बड़ा फैसला जो राजस्थान के एससी/एसटी वर्ग के वोटर को साधने के लिए लिया गया प्रतीत होता है। राजस्थान में 59 सीट उक्त वर्ग के लिए आरक्षित हैं और 31.5% वोटर इस वर्ग का है।

2018 के चुनाव में भाजपा के हाथ सिर्फ 21 सीट ही आई थीं, जबकि कांग्रेस को 31 सीट मिली थी, इस बड़े वोट बैंक में सेंधमारी के लिए अर्जुन मेघवाल के कद को बड़ा कर राजस्थान में उनको उक्त वर्ग का चेहरा बनाने का प्रयास किया गया है।

अर्जुन राम मेघवाल (जन्म 20 दिसंबर 1953) एक भारतीय राजनेता और दूसरे मोदी मंत्रालय में संसदीय मामलों और संस्कृति राज्य मंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य, मेघवाल ने पूर्व में मुख्य सचेतक और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह पहली बार 2009 में राजस्थान के बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के लिए चुने गए थे। उन्हें 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था।

राजे के लिए अच्छी खबर नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ मंच साझा कर अपनी ताकत दिखा चुके देवी सिंह भाटी और अर्जुनराम मेघवाल की अदावत खुलकर सामने आ चुकी है। जहां भाटी को पूर्व मुख्यमंत्री राजे का साथ मिला परंतु अर्जुन मेघवाल ने भी भाटी के भाजपा प्रवेश द्वार पर रोक लगाकर अपनी मजबूत स्थिति से रूबरू करवा दिया है। एक तरफ चर्चा है कि राजे को फ्री होल्ड दिया जा सकता है, परंतु अर्जुन मेघवाल के कद को बढ़ाना प्रदेश में राजे के लिए अच्छी खबर नहीं है।

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