कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा
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राजस्थान के कोटा जिले में कोर्ट की अवमानना का मामला सामने आया है। एसीजेएम कोर्ट ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ केस दर्ज करने और जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। 16 मई को इस्तगासा प्राप्त होने के बाद भी 19 मई तक महावीर नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इस पर एसीजेएम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कोटा एसपी और महावीर नगर सीआई को नोटिस भेज कर अपना स्पष्टिकरण और जवाब मांगा है।
दरअसल, कोटा एसीजेएम कोर्ट ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पर लोगों के भड़काने, दंगा फैलाने और हत्या के लिए प्रेरित करने सहित कई धाराओं ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन कोटा पुलिस ने 19 मई तक केस दर्ज नहीं किया। अब एसीजेएम कोर्ट ने कोटा शहर एसपी और महावीर नगर थाना सीआई को नोटिस जारी किया है और इसे लेकर जवाब मांगा है। नोटिस में दोनों अधिकारियों से ये भी पूछा गया है कि क्यों ना आप पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
राजस्थान भाजपा प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ केस दर्ज कराने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम कोर्ट 6 ने महावीर नगर थाना पुलिस को केस दर्ज करन के आदेश देते हुए जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। विधायक मदन दिलावर के वकील मनोज पूरी ने बताया की रंधावा के खिलाफ धारा 195A, 295A, 504, 506, 511, 195B में दर्ज किया जाएगा।
आपको बता दें की सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जयपुर में आयोजित एक प्रदर्शन में कहा था की अडानी को मारने से कुछ भी नहीं होगा, मोदी को खत्म करना होगा। रंधावा द्वारा दिए गए इस बयान के विरोध में विधायक मदन दिलावर ने महावीर नगर थाने में केस दर्ज करवाने के लिए परिवाद दिया था, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए केस दर्ज करने से मना कर दिया की यह मामला उनके थाना क्षेत्र का नहीं है।
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने इस मामले को लेकर धरना भी दिया था। और इसके बाद कोटा शहर एसपी को भी परिवाद दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद दिलावर ने कोर्ट में 3 मई को इस्तगासा पेश किया। जिसकी सुनवाई 9 मई को हुई और कोर्ट ने कोटा एसपी से मामले में रिपोर्ट मांगी। एडवोकेट मनोज पुरी ने बताया की कोटा शहर पुलिस ने कोर्ट में पेश की रिपोर्ट में लिखा था की कोटा शहर में यह मामला नहीं बनता है इसलिए रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा सकती। जिस पर 15 मई को कोर्ट में बहस भी हुई इसके बाद कोर्ट एसीजेएम कोटा ने रंधावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।