सीएम ने कर्मचारी संगठनों से की मुलाकात।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम के कारण भविष्य के प्रति चिंतित कर्मचारियों के लिए मानवीय दृष्टिकोण से ओपीएस लागू की गई है। अब सेवानिवृत्त हुए राज्य कर्मचारियों को भी लाभ मिलने लगा है। हम हमारे कर्मचारियों को एनपीएस में शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं।
गहलोत ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मीदी से भी पूरे देश में ओपीएस लागू करने की मांग की चुके हैं, उन्हें कर्मचारी हितों में इसे लागू करना चाहिए।गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने आमजन की सामाजिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। महंगाई राहत कैंपों में 10 योजनाओं के माध्यम से उन्हें सामाजिक-आर्थिक संबल दिया जा रहा है। हर वर्ग के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर ही योजनाएं बनाई गई हैं।
कार्मिकों ने कहा कि 1 जनवरी, 2004 से नियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस फिर लागू करने और पूर्ण पेंशन के लिए क्वालिफाइंग सर्विस 28 से घटाकर 25 वर्ष करने व आरजीएचएस से राज्य कर्मचारी और उनके परिजन बेहद खुश हैं। यह ऐतिहासिक निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने उनके भविष्य को सुरक्षित किया है। राजस्थान से इस दिशा में अभूतपूर्व पहल हुई है। कई राज्यों द्वारा ओपीएस लागू करने की घोषणा की जा चुकी है। अब केन्द्र और अन्य राज्य सरकारों को भी कर्मचारी कल्याण में ओपीएस पुनः लागू करनी चाहिए।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव, सांसद नीरज डांगी, देव नारायण बोर्ड अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना, राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम अध्यक्ष राजीव अरोड़ा, पीसीसी चीफ और पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक बाबूलाल नागर, विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, विधायक रामकेश मीना, विधायक गोपाल मीणा सहित पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान (एनपीएसईएफआर), पेंशन बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी और विभिन्न संगठनों के सदस्य मौजूद रहे।