शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने ऑनलाइन लॉटरी निकाली।
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शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला की ओर से निकाली गई इस लॉटरी के माध्यम से 32 हजार 722 प्राइवेट स्कूलों में प्री-प्राइमरी और कक्षा-1 की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब, कमजोर वंचित वर्ग के बालक-बालिकाओं को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा दी जाएगी। इन विद्यार्थियों की फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
लॉटरी से जारी विद्यालय वार वरीयता सूची अभिभावक प्राइवेट स्कूल पोर्टल https://rajpsp.nic.in के होम पेज पर ‘वरीयता सूची’ के लिंक को क्लिक करके देख सकते हैं। इसके साथ ही आवेदन की आईडी (नंबर) और मोबाइल नंबर से लॉगिन करके बालक-बालिकाओं के वरीयता क्रमांक को सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देखा जा सकता है।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था, जो देश और प्रदेश में कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है।
प्रदेश में वर्ष 2012-2013 से निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निःशुल्क सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है, तब से लेकर अब तक करीब राज्य के करीब 9 लाख बालक-बालिकाओं को इसका सीधा फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा पारदर्शिता के साथ समस्त प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है, और भारत सरकार के नॉर्म्स के अनुसार निजी विद्यालयों को इन विशेष वर्गों के विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए राशि का पुनर्भरण किया जा रहा है।
2000 इंग्लिश मीडियम स्कूल और खोलेगी राज्य सरकार शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरटीई के तहत जो निजी विद्यालय सही तरीके से कार्य कर रहे हैं, उनको प्राथमिकता और तत्परता से समय पर फीस का पुनर्भरण सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए।
डॉ. कल्ला ने कहा कि स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार की सतत पहल, प्रयास और शैक्षिक नवाचारों से प्रदेश में सरकारी विद्यालयों के स्तर में लगातार गुणात्मक सुधार हो रहा है। सरकार ने प्रदेश में करीब 2700 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले हैं। आने वाले दिनों में ऐसे 2000 स्कूल और खोले जाएंगे। इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में प्रशिक्षित टीचर्स और तमाम तरह के संसाधन उपलब्ध है, ऐसे में सभी प्रधानाध्यापक, प्राचार्य और अधिकारी शिक्षकों के साथ मिलकर सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को नए स्तर ले जाने के संकल्प के साथ कार्य करे। उन्होंने निजी स्कूलों से ‘हेल्दी कॉम्पीटिशन’ के लिए ‘इफेक्टिव सुपरविजन’ और ‘प्रबंधकीय कौशल’ के मूलमंत्र के साथ कार्य करने पर बल दिया।
लॉटरी जारी होने के बाद अब अभिभावकों को आगामी 2 जून तक ऑनलाइन रिर्पोटिंग करनी होगी। इसमें विद्यालय का चयन किया जाएगा। लॉटरी में प्रथम चयनित निजी विद्यालय, 19 मई से 6 जून की अवधि में आवेदन पत्रों की जांच करेंगे। अभिभावकों की ओर से 12 जून तक दस्तावेजों में संशोधन किया जा सकता है। वहीं, 19 मई से 23 जून 2023 के दौरान सीबीईओ द्वारा सम्बंधित निजी विद्यालयों की ‘रिक्वेस्ट’, बालक-बालिकाओं के दस्तावेज रि-अपलोड नहीं करने या अभिभावकों द्वारा संशोधन दर्ज किए जाने के संबंध में जांच की कार्रवाई की जाएगी।
27 जून को पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीटों पर चयन किया जाएगा
इसके बाद राज्य स्तर पर एनआईसी की ओर से 26 जून को शेष समस्त आवेदनों को ऑटो वैरीफाई और फिर 27 जून को पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीटों पर चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा ही पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीटों पर चयन फीस के साथ बालकों के प्रवेश और वरीयता क्रम के आधार पर 28 जून से 30 सितंबर 2023 तक किया जाएगा।