ये नेता आज थामेंगे BJP का दामन
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भाजपा से पांच बार सांसद का चुनाव लड़ने के बाद महरिया ने निर्दलीय और कांग्रेस से भी सांसद का चुनाव लड़ा था। सचिन पायलट ने महरिया को कांग्रेस जॉइन कराई थी। लेकिन अब वह पार्टी को विदा कहकर बीजेपी में जा रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी को इससे बड़ा झटका लगा है और शेखावाटी का एक दिग्गज जाट चेहरा कांग्रेस पार्टी से निकलकर बीजेपी का दामन थाम रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे जयपुर में प्रदेश भाजपा कार्यालय में फिर से भाजपा में शामिल हो जाएंगे। हालांकि सुभाष महरिया के लिए यह घर वापसी है, क्योंकि वह पूर्व में बीजेपी में रहे हैं। लेकिन उन्हें कांग्रेस में सचिन पायलट लेकर आए थे। पार्टी में खुद सचिन पायलट की नहीं चल रही, इसलिए अपना राजनीतिक भविष्य देखते हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले महरिया ने बीजेपी का दामन थामना ही उचित समझा।

सुभाष महरिया ने 1999 में सीकर से कांग्रेस के दिग्गज नेता बलराम जाखड़ को चुनाव हराया था। महरिया को कांग्रेस में लाने में अहम भूमिका सचिन पायलट की रही थी। दरअसल, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सीकर में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रमुख नेता रहे सुभाष महरिया ने बीजेपी से टिकट कटने पर बागी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया था। उन्होंने अपना टिकट कटने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी आलाकमान के विरोध में यह कदम उठाया था। निर्दलीय पर्चा भरने से पहले कार्यकर्ता सम्मेलन में महरिया ने कहा, महापंचायत के निर्णय पर बड़े संघर्ष में कूदने जा रहा हूं। जयपुर दिल्ली के बड़े नेताओं के अलावा (तत्कालीन) मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और नरेंद्र मोदी से भी फोन पर बात हुई। मोदी से लंबी चर्चा के बावजूद एक बार भी मुझे फार्म भरने से नहीं रोका।

महरिया को कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट ने ज्वाइन करवाया था। लेकिन पायलट खुद पिछले साढे चार साल से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में अपना राजनीतिक भविष्य असुरक्षित देखते हुए ही महरिया ने बीजेपी में आने की कोशिशें पिछले एक साल से चला रखी थीं। अब विधानसभा चुनाव छह महीने बाद होना है और अगले ही साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी है। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड चला आ रहा है। इसलिए बीजेपी पार्टी ही महरिया को उचित मंच लगा। अब सुभाष महरिया की बीजेपी में वापसी से किसे फायदा या नुकसान होगा, कहा नहीं जा सकता है। लेकिन बीजेपी नेतृत्व और संगठन को उनके पिछले रिकॉर्ड को देखना होगा। क्योंकि महरिया कभी किसी पार्टी के वफादार नहीं रहे। वे दलबदलू छवि बना चुके हैं। पूर्व में महरिया वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे।

पूर्व IPS रामदेव खैरवा, पोलो प्लेयर भवानी सिंह कालवी, RU के पूर्व छात्रसंघ महासचिव नरसी किराड़ भी बीजेपी करेंगे जॉइन…

रिटायर्ड IPS अफसर रामदेव खैरवा, राजपूत करणी सेना के संरक्षक रहे स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह कालवी के बेटे और पोलो प्लेयर भवानी सिंह कालवी और राजस्थान यूनिवर्सिटी के NSUI से पूर्व छात्र संघ महासचिव रहे नरसी किराड़ भी शुक्रवार को बीजेपी की सदस्यता लेंगे। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सुबह करीब 11.30 बजे चारों को सदस्यता ग्रहण करवाई जाएगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड, जोइनिंग कमेटी सदस्य विधायक वासुदेव देवनानी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मौजूदगी में ये पार्टी ज्वाइन करेंगे।

पहले भी कई नेता बीजेपी में हो चुके शामिल…

इससे पहले सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव की जनसभा के दौरान कांग्रेस पार्टी से दो बड़े नेता राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी बीजेपी में शामिल हो गए थे। रिणवां पिछली वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जबकि डूडी पूर्व संसदीय सचिव रहे हैं। राजकुमार रिणवां की कांग्रेस से बीजेपी में घर वापसी हुई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में चूरू के रतनगढ़ से विधानसभा टिकट कटने पर नाराज होकर रिणवां ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था। जयदीप डूडी ने कहा था कि गहलोत और पायलट की आपसी लड़ाई में कांग्रेस उलझकर रह गई है। इससे क्षेत्र के किसानों और आम जनता का बड़ा नुकसान पिछले चार साल में हुआ है, इसलिए मैं बीजेपी में आया हूं। कांग्रेस पार्टी में सियासी तौर पर कोई भविष्य नजर नहीं आया। कांग्रेस पार्टी में गहलोत और पायलट खेमे की लड़ाई लगातार जारी है। विधानसभा चुनाव के टिकट पर इन नेताओं की नजर है।

सीकर में बीजेपी को बड़े जाट चेहरे की ज़रूरत…

बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले सीकर और लक्ष्मणगढ़ में जाट चेहरे की ज़रूरत थी। इसलिए सुभाष महरिया को पार्टी में लाया गया है। क्योंकि वह क्षेत्र में आसानी से चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं।

पूर्व सीएम वसुंधरा खेमे के नेताओं की घर वापसी अटकी…

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में नेताओं की घर-वापसी का दौर फिर से शुरू हो गया है। घनश्याम तिवाड़ी, राजकुमार रिणवां, जयदीप डूडी,पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, पूर्व विधायक जगत सिंह, किशनाराम नाई की बीजेपी में घर वापसी पहले ही हो चुकी है। घनश्याम तिवाड़ी तो राज्यसभा सांसद भी बन चुके हैं। लेकिन वसुंधरा राजे खेमे के पूर्व मंत्री रहे देवी सिंह भाटी, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल और पूर्व विधायक विजय बंसल समेत कई चेहरे अभी भी बीजेपी में आने की राह देख रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल-विधायक वासुदेव देवनानी हैं जॉइनिंग कमेटी में कर्ता-धर्ता…

बीजेपी की राजस्थान में जॉइनिंग कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के अलावा विधायक वासुदेव देवनानी शामिल हैं। यह कमेटी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने तय की थी। अब प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ से यह कमेटी राय-मशविरा करने के बाद ही यह तय कर रही है कि कोई नेता बीजेपी में शामिल होगा या नहीं। इनसे ऊपर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हाईकमान ही किसी नेता की जॉइनिंग पर फैसला लेने की पावर रखते हैं।

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