DOIT जॉइंट डायरेक्टर की ब्लैक मनी निकली योजना भवन की आलमारी से निकला 2.31 करोड़ कैश और 1 किलो सोना
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राजस्थान सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (DOIT) में वेद प्रकाश यादव जॉइंट डायरेक्टर और सिस्टम एनालिस्ट के पद पर कार्यरत है। वह स्टोर इंचार्ज था। जहां आलमारी से कैश और सोना निकला। CCTV फुटेज और कर्मचारियों से कड़ाई से की गई पूछताछ के आधार पर सूटकेस का मालिक वेदप्रकाश यादव पाया गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तो उसने यह पैसा और सोना रिश्वत से इकट्ठा करना बताया। 2 करोड़ 31 लाख से ज़्यादा कैश रुपए और 1 किलो गोल्ड की सिल्ली को उसी ने आलमारी में लॉक करके सुरक्षित रखा था।
कॉन्ट्रैक्ट कमीशन और रिश्वत ऑफिस अलमारी में पर्सनल लॉकर की तरह रखता था जॉइंट डायरेक्टर
वेदप्रकाश यादव का ऑफिस बेसमेंट में उस कमरे के पास ही है। जिसकी अलमारी में करोड़ों रुपए और सोना निकला। जॉइंट डायरेक्टर यादव उस अलमारी को पर्सनल लॉकर के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि वेदप्रकाश यादव DOIT के तहत कॉन्ट्रेक्ट देने पर कमीशन खोरी के तहत मोटी घूस फर्मों से लेता था। जिसका पैसा और माल इसी अलमारी में रखता था। यहीं से पैसा निकालकर इस्तेमाल भी करता रहता था।
करीब 1 महीने के CCTV फुटेज पुलिस ने खंगालकर आरोपी को दबोचा
पिछले करीब 1 महीने के सीसीटीवी फुटेज को पुलिस जांच टीम ने खंगाला, तो अलमारी से रुपए का निकालते और रखते हुआ वेदप्रकाश यादव नजर आ गया। इसके बाद जयपुर में झोटवाड़ा स्थित उसके घर पुलिस ने दबिश देकर उसे हिरासत में लिया। जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो वेदप्रकाश ने सूटकेस और उसमें निकला कैश और होल्ड अपना रिश्वत का माल होना स्वीकार लिया। फिलहाल जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की कस्टडी में है।
ACB में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मामला दर्ज
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने ACB को पूरी रिपोर्ट सौंप दी है। जिसके आधार पर ACB आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही ACB आरोपी को कस्टडी में लेकर गिरफ्तारी दिखाएगी।
सूचना सहायक-प्रोग्रामर के पद से सिस्टम एनालिस्ट और ज्वाइंट डायरेक्टर तक पहुंचा
वेदप्रकाश यादव करीब 20 साल पहले सूचना सहायक- प्रोग्रामर के पद पर भर्ती हुआ था। प्रमोशन के बाद वह सिस्टम एनालिस्ट जॉइंट डायरेक्टर के पद तक पहुंचा। उसने ऑफिस में किसी को भनक तक नहीं लगने दी कि ऑफिस की आलमारी को वह पर्सनल लॉकर की तरह रिश्वत का पैसा रखने के लिए यूज़ कर रहा है।
क्या है पूरा घटनाक्रम ?
जयपुर में सचिवालय के पीछे योजना भवन के बेसमेंट की बंद पड़ी अलमारी से 19 मई की रात 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और 1 किलो सोने की बिस्किटनुमा सिल्ली बरामद हुई थी। दो अलमारी की चाबी नहीं मिलने पर पुलिस की मौजूदगी में इन्हें खुलवाया गया था। इनमें से एक अलमारी में ट्रॉली सूटकेस में 2000 और 500 के नोट की गड्डियां मिली थीं। 2000 रुपए के 7298 और 500 रुपए के 17107 नोट बरामद हुए थे। सोने की सिल्ली पर मेड इन स्विट्जरलैंड लिखा मिला। सोने की कीमत भी करीब 62 लाख रुपए बताई जाती है। इसके बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा ने सबसे पहले इस चौंकाने वाले घटनाक्रम की जानकारी सीएम अशोक गहलोत को दी। फिर देर रात 11 बजे से 12 बजे प्रेसवार्ता की गई
जिसमें मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एडीजी क्राइम दिनेश एमएन मौजूद रहे। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक बेसमेंट में जहां से कैश और गोल्ड मिला, वहां ई-फाइलिंग प्रोजेक्ट के तहत फाइलों को स्कैन करके डिजिटलाइज़ेशन का काम किया जाता है।
करीब 50 कर्मचारियों पर पुलिस ने कसा शिकंजा
सूत्रों बताते हैं कि पुलिस की स्पेशल टीम ने 7-8 कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और करीब 50 कर्मचारियों को जांच की ज़द में लाकर शिकंजा कसा गया। फिर सीसीटीवी फुटेज देखे। इसके बाद सूटकेस के मालिक DOIT के जॉइंट डायरेक्टर के घर पर छापा मारा। जॉइंट डायरेक्टर को पकड़कर उसके घर पर भी सर्च किया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ज्वाइंट डायरेक्टर ने रिश्वत की बात कबूल ली। लेकिन पुलिस अफसरों ने अभी पूरे मामले का खुलासा नहीं किया है। माना जा रहा है जल्द ही पुलिस प्रेस वार्ता बुलाकर पूरा राजफाश करेगी। पुलिस ने आरोपी अफसर को पकड़ रखा है। उसके अलावा अन्य कौन-कौन अफसर-कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। ACB भी आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जैसी धाराओं में मुकदमा कायम कर रही है।