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सीएम गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित की। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में राजीव गांधी द्वारा लिए गए निर्णयों से ही देश को तकनीकी विकास में ऊंचाईयां मिली। तकनीक और संचार से ही भारत आगे बढ़ा। मुख्यमंत्री ने युवाओं से भारतीय संविधान की रक्षा और मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिना किसी की निंदा करते हुए स्वयं मेहनत कर आगे बढ़े।
सीएम गहलोत बोले- आज पीएम मोदी को दुनिया के अंदर बड़ा सम्मान मिलता है, तो मैंने मोदी जी को मानगढ़ के अंदर कहा कि आपको सम्मान मिलता है। लोग कहते हैं कि आप गांधी के देश से आए हो। आप वहां से आ रहे हो जहां लोकतंत्र सबसे मजबूत है। आप वहां के प्रधानमंत्री हो, इसलिए सम्मान मिलता है। ये सम्मान कांग्रेस का शासन और आजादी के बाद में पंडित नेहरू से लगाकर जो पीएम हुए हैं, उसका परिणाम है कि आज देश कहां खड़ा है, श्रेय किसको जाता है ?
कहना बड़ा आसान है कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया ? गांधी फैमिली के खिलाफ में बोलना बड़ा आसान काम है, इनको पूछो कि 35 साल से, 32 साल से गांधी फैमिली का कोई मेंबर न प्राइम मिनिस्टर बना, न केंद्रीय मंत्री बना, न कोई पद पर आया, फिर आपको ऐसी क्या तकलीफ है कि आपको गांधी परिवार को टारगेट करना पड़ रहा है ?
पंडित नेहरू को आपने टारगेट किया ? जिस रूप में सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को टारगेट किया, उसी ढंग से पंडित नेहरू जैसे व्यक्तित्व को टारगेट किया गया। नेहरू की सोच,दूरदृष्टि और दृष्टिकोण का आज भी दुनिया लोहा मानती है। ये तो उन्हें बोलने का वक्त नहीं है कि किस प्रकार आधारभूत ढांचा उस ज़माने में उन्होंने खड़ा कर दिया। आज हम उस पर खड़े हैं। पाकिस्तान की क्या दुर्गति हो रही है, अखबार में देखते होंगे, पढ़ते होंगे हम लोग, टीवी के अंदर देखते होंगे कि क्या स्थिति बन गई है ? वहां एक राज्य के इलेक्शन होने हैं। इलेक्शन करवाने के पैसे भी उनके पास नहीं हैं, ये अभी 10 दिन पहले खबर आई थी। क्या दुर्गति हो रही है वहां पर, सैनिकों का कब्जा है। लोकतंत्र खाली नाम का है।
अभी वहां पूर्व प्रधानमंत्री को अरेस्ट किया गया है। क्या स्थिति बनती जा रही है ? दोनों ही मुल्क एकसाथ स्वतंत्र हुए थे, ये है करामात कांग्रेस की नीतियों की, उसके कार्यक्रम और सिद्धांतों की, जिनका कोई मुकाबला कर नहीं सकता है। इसलिए अध्यक्ष डोटासरा और प्रभारी रंधावा कह रहे थे कि हमारी विचारधारा की लड़ाई हमारी है। उसको मजबूत करना पड़ेगा। नई पीढ़ी को जोड़ना पड़ेगा, गांव-गांव जाना पड़ेगा, ये लड़ाई विचारधारा की है। सरकार में आना अच्छी बात है।
आप अपनी नीतियों को लागू करते हो। लेकिन ऐसी सरकार क्या काम की, जो नीतियां वो लेकर लाए वही देश को बर्बाद कर रही हों ? संविधान की धज्जियां उड़ा रही हों ? लोकतंत्र को समाप्त कर रही हों ? खुलेआम हिंसा हो, किसी को भी राष्ट्रविरोधी घोषित कर दो, किसी को भी जेलों के अंदर बंद कर दो। बड़े साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों को बंद कर दो? देश किस दिशा में जा रहा है, कोई नहीं जानता है, किस दिशा में जाएगा, कोई नहीं जानता।
कर्नाटक जीत से लोगों में आशा 2024 में केंद्र की बीजेपी सरकार जा सकती है
सीएम गहलोत ने कहा- अब कर्नाटक की जीत ने वापस लोगों में आशा का संचार किया है कि केंद्र की ये सरकार 2024 में जा सकती है। सीएम ने कहा-हमें गर्व होना चाहिए, आप यहां बैठे हो, तो मामूली बात नहीं है। कांग्रेस आज केंद्र में शासन में नहीं है। ऐसे वक्त भी आते हैं जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं, तब मैं कांग्रेस का जिलाध्यक्ष था। एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष से जिलाध्यक्ष बन गया, उस वक्त भी लोग कहते थे कि गया हुआ राज कभी वापस थोड़े ही आएगा।
इंदिरा गांधी चुनाव हारीं, तब जिन्होंने कांग्रेस का साथ दिया वो 40 साल से देश में सत्ता पर बैठे
सीएम गहलोत बोले-उस वक्त जिन्होंने देश के अंदर कांग्रेस का साथ दिया, वो ही लोग 40 साल से देश में सत्ता में बैठे रहे। सरकार में बैठे हैं, सेंट्रल में बैठे रहे, बड़े-बड़े नेतृत्व जो कांग्रेस में माने जाते हैं, वो ही हैं जो इंदिरा गांधी जी के बुरे दिनों में उनके साथ थे। आज वक्त जुड़ने का है, कांग्रेस को मजबूत करने का है। लोगों में जाने का है। जिला कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस, मेंबर बन गए, कांग्रेस कमेटी मेंबर बन गए, अब मौका है हम मेहनत खुद करें, इंतजार किसी का नहीं करें, जो जितना फिरेगा, वो ही जिंदगी में आगे उसके काम आएगा। एनएसयूआई में मैं घूमा था। एनएसयूआई के अध्यक्ष के रूप में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, झालावाड़ एक गांव की तरह से थे, वहां पर आंधियां चलती थीं। मुख्यालय पर सड़कें भी नहीं थीं। आज 70 साल में, 40 साल में कहां के कहां पहुंच गए हैं ?
राजीव गांधी की कंप्यूटर और सूचना क्रांति को लेकर बीजेपी पर निशाना
गहलोत ने कहा-राजीव गांधी 21वीं सेंचुरी की बात करते थे, लोग मजाक उड़ाते थे कि क्या 21वीं सेंचुरी होती है ? कंप्यूटर आकर क्या करेगा ? टाइपिस्ट कहां जाएंगे ? आप कल्पना करो कि इनकी बुद्धि का वहां क्या दिवाला नहीं निकला ? उस वक्त में भी यही दावा था, बैलगाड़ी लेकर वहां लोकसभा और संसद के अंदर ये बताने के लिए आए कि देखिए यहां पर बेरोजगारी आने वाली है क्योंकि कंप्यूटर ला रहा है। राजीव गांधी कंप्यूटर ला रहा है। अब कंप्यूटर तो 100 लोगों का, 1000 लोगों का काम तो एक ही कर लेगा, तो लोग कहां जाएंगे, टाइपिस्ट कहां जाएंगे ? नौकरियां कैसे लगेंगी ? ये सोच इनकी हमेशा रही।
नेहरू भाखड़ा डैम बना रहे थे, तो जनसंघ के लोग कहते पानी से बिजली निकल जाएगी, तो पानी किस काम का रहेगा
गहलोत ने कहा मैं किस्सा सुनाता हूं। भाखड़ा डेम पंडित नेहरू ने बनाया। बड़े-बड़े कारखाने लगाए। रूस और अमेरिका ने कहा कि आप क्यों कारखाने लगा रहे हो, हम हमेशा आपके लिए तैयार बैठे रहेंगे। उनकी सोच थी कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना है। दुनिया के मुल्कों और विकसित राष्ट्रों पर डिपेंड रहते पता नहीं हमारी क्या स्थिति होती ? भाखड़ा डेम बन रहा था। तो ये जनसंघ वाले, जो आज बीजेपी कहलाती है, ये प्रचार करते फिरते थे कि नेहरू जी का दिमाग खराब हो गया है। भाखड़ा डेम बनाकर वहां पर बिजली बना रहे हैं। उस पानी में से जब बिजली निकल जाएगी तो पानी किस काम का रहेगा? ये इनकी उस वक्त में स्थिति थी।
धर्म के नाम पर दंगे भड़काना, आग लगाना बड़ा आसान, बुझाने में बहुत वक्त लगता है
आज धर्म के नाम पर यहां तक पहुंच गए हैं कि ये गर्व करते हैं। मैं समझता हूं कि गर्व करने वाली बात नहीं है देश के लिए, आज धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर किसी को भी भड़का दो, दंगे भड़का दीजिए, आग लगाना बड़ा आसान होता है, आग को बुझाने में बहुत वक्त लगता है, बिल्डिंग खड़ी करने में वक्त लगता है, गिराना हो तो बुलडोजर भेज दीजिए वहां पर। कहने का मतलब है कि देश बनाने में बहुत बड़ा योगदान होता है, जो कांग्रेस का हमेशा रहा है। अब चाहे मोदी जी बोलो, चाहे कोई भी बोलो, कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। अहम-घमंड लोकतंत्र का दुश्मन है और ये लोकतंत्र से दुश्मनी पाले हुए हैं।
मोदीजी, अमित शाह जी का पूरा कुनबा डेमोक्रेसी से दुश्मनी पाले हुए है
सीएम ने कहा- मोदीजी, अमित शाह जी का पूरा कुनबा डेमोक्रेसी से दुश्मनी पाले हुए है। क्योंकि ये अहम-घमंड में चल रहे हैं। लोकतंत्र में विपक्ष से भी प्यार-मोहब्बत रखनी पड़ती है। अगर विपक्ष नहीं है तो पक्ष क्या है ? पक्ष तभी है जब विपक्ष है। ये विपक्ष को तो मानते ही नहीं हैं, ये तो अपना दुश्मन मानते हैं। इसलिए आज आप यहां बैठे हुए हैं। हमें संकल्प लेकर जाना है कि किस प्रकार हम लोग पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने आपको समर्पित करें। ये काम लंबा है, आपको-हमको उसको पर सोचना पड़ेगा, क्योंकि जो राजीव गांधी के वक्त फैसले हुए थे, उस पर भी लोगों का ध्यान नहीं है, लोग बात करते हैं, रिसर्च करें स्कॉलर, तो मालूम पड़े कि उन्होंने महिलाओं के लिए, शेड्यूल्ड कास्ट के लिए, ट्राइब के लिए, ओबीसी के लिए क्या-क्या कानून बनाए, क्रांतिकारी कानून बनाए। इसलिए मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी को धन्यवाद दूंगा कि आज आपने हम सबके लिए संगोष्ठी रख दी कि इसी बहाने हम सब बैठें, बातचीत कर सकें और संकल्प लेकर जाएंगे।
जातिवाइज जनगणना करवाने कांग्रेस प्रेसीडेंट खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिख दिया
सीएम गहलोत ने कहा जिस प्रकार से आज आरक्षण की बात करते हैं। कांग्रेस प्रेसीडेंट खड़गे साहब ने पीएम मोदी को पत्र लिख दिया कि आप जातिवाइज जनगणना करवाएं, कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन के अंदर प्रस्ताव पास कर दिया कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। उसके मायने यही हैं कि जब मैं मुख्यमंत्री बनकर 1998 के अंदर आया, तब यहां पर आरक्षण ढंग से लागू हुआ। 21 परसेंट ओबीसी का पहली बार, एससी-एसटी का डबल, 8 का 16, 6 का 12 हमने उस वक्त में आरक्षण किया और आगे भी करेंगे तो हम करेंगे।सोच-समझकर फैसला करेंगे।
ये कुछ लोग जो राजनीति कर रहे हैं न, उनके दिलों में कोई ओबीसी के प्रति कोई प्यार नहीं है। काम कानून सम्मत होना चाहिए जो कि पक्का हो। ये जो आरक्षण मिला एमबीसी का गुर्जर और राइका और बंजारों को, कितना लंबा संघर्ष किया, कितनी बार उसको हाईकोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया। तब भी हमारा जो तरीका था, उसके कारण आज उनको 5 परसेंट आरक्षण मिल रहा है। उन हजारों लोगों की नौकरियां लग रही हैं। अभी मेरे पास आए 200 अधिकारी-कर्मचारी धन्यवाद देने के लिए घर पर आए। उन लोगों की जिंदगी बन गई। ईडब्ल्यूएस के अंदर हमने सब शर्तें हटा दीं, असली तो ईडब्ल्यूएस को आरक्षण तब मिलने लगा।
जब राजस्थान सरकार ने तमाम शर्तें हटाई हैं, तब लाभ मिलने लगा है।इस प्रकार से मैं समझता हूं कि हम चाहेंगे ओबीसी कमीशन पूरा रिव्यू नए सिरे से करें। किस प्रकार से आगे हमें 27 फीसदी तक जाना है, कहां तक जाना है, एससी-एसटी को कहां तक ले जाना है, उनकी जनसंख्या भी बढ़ती जा रही है, वो भी मांग यही कर रहे हैं कि आरक्षण की परसेंटेज बढ़नी चाहिए। ये तमाम काम हम कमीशन के माध्यम से करवाएंगे। इसमें किसी को राजनीति करने की जरूरत नहीं है। माहौल खराब करने की जरूरत नहीं है। खुद ही सरकार की ड्यूटी है कि पहले ही प्रस्ताव पास किया हुआ है, उस ढंग से जनगणना भी हो, उस ढंग से सभी जाति, धर्म के लोगों को लाभ मिले।
ये नेता रहे श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मौजूद
इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, रफीक खान, अमीन कागजी, समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष अर्चना शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।