पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की शुरू।
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राजस्थान के अजमेर जिले में एक बिजनेस मैन द्वारा अपने ही नौकर को कंपनी का डायरेक्टर बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि करोड़ों रुपए का टैक्स बकाया होने पर जब इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला तो उसे इस धोखाखड़ी का पता चला। पीड़ित दिव्यांग है, पेट्रोल पंप पर नौकरी करते समय वह आरोपियों के संपर्क में आया था। परिवार का खर्च चलाने के लिए वह आज आज भी चौकीदारी की नौकरी करता है। आयकर विभाग का नोटिस मिलने के बाद पीड़ित ने सिविल लाइन थाना पुलिस में बिजनेस मैन गोविन्द गर्ग और उसकी पत्नी आशा गर्ग के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की है। 

प्रेमनगर, टीचर्स कॉलोनी में रहने वाले राकेश शर्मा पुत्र राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह पेट्रोल पंप पर नौकरी करता था। सर्विस के दौरान मालिक के बड़े भाई गोविन्द गर्ग और उनकी पत्नी आशा गर्ग से उसकी जान-पहचान हो गई थी। गोविन्द और आशा गर्ग राज ऑटो व्हील्स प्रालि कंपनी चलाता है, दोनों कंपनी में डायरेक्टर थे। कंपनी का वर्कशॉप भूणाबाय कांकरदा में था। गोविन्द गर्ग कई बार उसे वर्कशॉप पर बुलाकर काम बताते थे।

आयकर विभाग से नोटिस मिला है कि आप इस कंपनी में डायरेक्टर हो, इसका करोडों रुपये का टैक्स बकाया है। नोटिस मिलने के बाद उसने गोविंद और आशा गर्ग से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि गलती से उन्होंने उसे कंपनी के कागजों में डायरेक्टर बना दिया। इस टैक्स को वो चुका देंगे।  कुछ दिनों बाद दोबारा नोटिस मिलने पर गोविन्द ने कहा कि हम इस नोटिस को कोर्ट में निरस्त करा देते हैं। दो पति-पत्नी एक वकील को लेकर आए और कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए। 

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि इससे पहले भी गोविन्द ने कुछ खाली कागजों और खाली फार्मों पर उसे हस्ताक्षर करवाए थे। एक साजिश के तहत उसे साल 2012-13 में कंपनी का डायरेक्टर बना दिया। इसके बाद गोविन्द और आशा गर्ग दोनों ही डायरेक्टर पद से हट गए। दोनों से मारुति कंपनी की डीलरशिप 2012 में वापस ले ली गई थी, इसके बाद उन्होंने (राज ऑटो व्हील्स प्रा.लि.) साल 2013 में बंद कर दिया था।

साल 2020 में बीमार हो जाने के कारण उसकी एक टांग काट दी गई, तब गोविन्द व आशा गर्ग ने कंपनी के डायरेक्टर पद से हटाने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया । मार्च 2022 में स्वयं के विकलांग हो जाने पर पत्नी के सहयोग से बैंक से लोन लेकर एक प्लास्टिक के कप, दोने, प्लेट इत्यादि बनाने का घरेलू लघु-उद्योग खोल लिया था। तब मैने बैंक में 60 हजार जमा कराए। बैंक अकाउंट इनकम टेक्स में सीज होने का पता चला। 

गोविन्द गर्ग से कहा कि पैसे लौटा दो और जो फर्जीवाडा किया, सब खत्म करो। इसके बाद आरोपी उसे धमकियां देने लगे। गर्ग ने धमकी दी कि हमारे पास कई आदमी है, हम तुझे जान से मरवा देंगे। इसके बाद रिकॉर्ड और टैक्स का झंझट खत्म हो जाएगा। पीड़िता का कहना है कि आज भी बिजनेस का सारा काम  गोविन्द गर्ग ही देखते हैं। इस सब के जिम्मेदार दोनों पति-पत्नी ही है।  

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