DOIT ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश
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राजस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के घूसखोर सिस्टम एनालिस्ट और ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव के पास जगतपुरा के पार्थ नगर में 275 मीटर का भूखंड और फागी रोड पर पति-पत्नी के नाम से जमीन, जबकि कालवाड रोड पर सुशांत सिटी में दो प्लॉट मिले हैं। सीएम गहलोत ने पहली बार कहा- मैं खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा था।

भ्रष्टाचार का धन और सोना जयपुर में सरकारी ऑफिस योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी में रखने वाले निलंबित DOIT ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव की चल-अचल संपत्ति अब खुलती जा रही है। ACB ने तीन दिन की रिमांड पर आरोपी से पूछताछ कर उसके भ्रष्टाचार की परतों को उधेड़ना शुरू कर दिया है। 

पुलिस की मौजूदगी में जब घूस की रकम की गिनती हो रही थी, तब आरोपी भी वहीं ऑफिस में ही खड़ा हुआ था और अपनी बर्बादी खुद अपनी आंखों से देख रहा था। उसने बैग में बरामद सोने की एक किलो की सिल्ली विद्याधर नगर के अंबिका ज्वेलर से 35 लाख रुपये नकद में खरीदना बताया है। ACB इस मामले में भी पड़ताल कर रही है, क्योंकि बिना टैक्स चुकाए सोना खरीदा गया है। तो आयकर और सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट को भी इसकी सूचना दी जाएगी। 

DOIT ऐसा विभाग माना जाता है, जिसकी ऑडिट सार्वजनिक नहीं होती। एक बड़े साहब यहां पिछले 10 साल से जमे हुए हैं। एसीबी तमाम इंदल की जांच कर रही है कि परचेज कमेटी में आरोपी वेद प्रकाश यादव के साथ और कौन-कौन से मेंबर थे और DOIT के ठेके देने में घूस की राशि किस-किस अफसर को बंटती थी।

सरकार की उपलब्धियों के लिए लगने वाली एलईडी वॉल और ई-मित्र मशीनों के ठेके में खाया माल

गिरफ्तार वेद प्रकाश यादव ने योजना भवन के बेसमेंट में DOIT की गैलरी में रखी अलमारी की को लॉकर बना रखा था। भ्रष्टाचार और घूस की जो भी रकम आती थी। वह इस अलमारी में बैग में डाल देता था। फिर छुट्टी के दिन मौका पाकर उसे संभाल लेता और हैंडल करता था। सूत्र बताते हैं कि उसने सरकार की उपलब्धि के लिए लगने वाली इलेक्ट्रिक एलईडी वॉल और ईमित्र की दुकानों में लगने वाली मशीन सप्लाई की कंपनियों से ठेका देने में मोटा माल खाया था, जिसमें सरकारी खजाने से करोड़ों का भुगतान होता था।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है वेद प्रकाश यादव

वेद प्रकाश यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। लंबे वक्त से राजस्थान में रह रहा है। उसकी शिक्षा कोटा से हुई है। 1994 में वह प्रोग्रामर पद पर लग गया था। उसके बाद से अफसरों से इतने अच्छे संबंध बनाए गए कि उसके हाथ से विभाग में स्टोर का चार्ज कभी नहीं गया।  ACB पता लगाने में जुटी है कि ऐसा क्या अरेंजमेंट था, जो 20 साल से वह एक ही जगह पर बैठा हुआ था।

परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा

निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव की दो बेटियां और एक बेटा हैं। बड़ी बेटी पुणे से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है। छोटी बेटी डिप्लोमा इन मार्केटिंग और बेटा जयपुर की प्राइवेट यूनिवर्सिटी से बीबीए का कोर्स कर रहा है। आरोपी की पत्नी ग्रहणी है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ACB ने पुलिस से मिली रिपोर्ट के आधार पर योजना भवन से नक्शा मौका तैयार किया है। ACB यह भी जांच कर रही है कि कंपनी और ठेकेदार ने ज्वाइंट डायरेक्टर के अलावा किस-किस अवसर को रिश्वत दी है।

सीएम गहलोत बोले- मैं खुद कर रहा था बेंगलुरु से मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वेद प्रकाश यादव के मामले पर जवाब देते हुए पहली बार कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। बड़े-बड़े अफसरों को पकड़ रहे हैं। इस मामले की मैं खुद बेंगलुरु से मॉनिटरिंग कर रहा था। मैंने मुख्य सचिव को कहा कि पूरे मीडिया को सब कुछ स्पष्ट करें। भाजपा वाले चाहते हैं कि भ्रष्टाचार की बात कर सरकार को कमजोर किया जाए, लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में क्यों छापे नहीं डाले जा रहे हैं? इसका उन्हें जवाब देना चाहिए। गहलोत बोले- हमने अधिकारी पकड़े हैं, लेकिन बाकी राज्यों में तो लूट मची हुई है। गहलोत ने कहा केंद्रीय मंत्री अमित शाह जिस बैंक के डायरेक्टर हैं। नोटबन्दी के दौरान उस बैंक में 700 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। ये कैसे हो गया? इन्होंने बैंक वालों को करप्ट कर दिया। उदाहरण के तौर पर आप 1 करोड़ रुपये के पुराने नोट दो, 2000 के नये नोटों की गड्डी बाहर आई। उसमें 70 प्रतिशत की अलग गड्डी बनाई गई। 30 प्रतिशत नोट साइड में खिसका दिए। ऐसे भ्रष्टाचार हुआ। गहलोत बोले अभी 2000 रुपए का नोट बंद हुआ है।इसमें कितना पैसा इकट्ठा करेंगे ऑक्ट नहीं, लेकिन ये बहुत खतरनाक है।

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