DOIT ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश
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जयपुर में योजना भवन बेसमेंट में स्थित DOIT ऑफिस की अलमारी में 2.31 करोड़ रुपये और एक किलो सोने की सिल्ली रखने वाला निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव हर खरीद में दो प्रतिशत कमीशन लेता था। पूछताछ में उसने एसीबी को बताया कि वह परचेज कमेटी का सदस्य था। इसलिए टेंडर लेने वालों से 2 प्रतिशत कमीशन लेता था।

निलंबित डीओआईटी के ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव ने दो प्रतिशत कमीशन फिक्स कर रखा था। करोड़ों के टेंडर और ठेकों में उसे दो प्रतिशत के हिसाब से लाखों रुपये मिलते थे। सूत्रों के मुताबिक उसके ऊपर के अफसरों का भी बड़ा कमीशन फिक्स था। जो तीन प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत तक था। कुल 20 प्रतिशत तक कमीशन विभाग के आला अफसरों में बंटता था। ACB को यह जानकारी है, लेकिन सबूत जुटाने के लिए कई अफसरों पर छापेमारी करनी होगी। उसके लिए हाई लेवल पर मौखिक परमिशन लेनी भी प्रदेश ACB की मजबूरी है। डर है तब तक आय से अधिक संपत्ति, पैसा और ज्वेलरी खुर्द-बुर्द न हो जाए, क्योंकि ज्वाइंट डायरेक्टर के पकड़ में आने से अन्य भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है। वो अपने बचाव के जतन करने में जुटे हुए हैं।

इलेक्ट्रीशियन मनीष कुमार ने खोली थी अलमारी, जिसमें मिला नकदी और सोना

गिरफ्तार वेदप्रकाश यादव रिश्वत की राशि घर ले जाने की जगह अपने सरकारी कार्यालय की अलमारी में छुपा कर रखता था। ACB रिमांड पर चल रहे आरोपी से पूछताछ में जुटी है कि उसने किस-किस मामले में रिश्वत ली है। एसीबी को दी रिपोर्ट में पुलिस ने बताया कि फाइलों की स्कैनिंग करते समय 18 मई को दो अलमारी की चाबी नहीं मिली। उसके बाद 19 मई को एक अलमारी सहायक प्रमुख प्रोग्रामर पवन कुमार ने पेचकस से खोली, जबकि दूसरी इलेक्ट्रिशियन मनीष कुमार ने खोली। इलेक्ट्रिशियन मनीष कुमार ने जो अलमारी खोली उसमें नकदी और सोना मिला। लैपटॉप बैग में नकदी रखी हुई थी। ट्रॉली बैग पर ताला लगा हुआ था। जिसे उच्च अधिकारियों और पुलिस की उपस्थिति में तोड़ा गया तो उसमें सोने की एक किलो की सिल्ली और नकदी मिली। 

एक बैंक कर्मियों को नोट गिनने की तीन मशीनें लेकर बुलाया था

बरामद 2000 और 500 रुपये के नोटों की गड्डी पुरानी थी। उन पर लगे रहे रबर बैंड तक गलकर चिपक चुके थे। पुलिस ने एक बैंक के कर्मचारियों को तीन नोट गिनने की मशीनें लेकर मौके पर बुलाया और नोट गिनवाए थे। तब आरोपी वेदप्रकाश यादव भी मौके पर मौजूद था। वह अपनी आंखों से अपनी बर्बादी देखता रहा, लेकिन मुंह नहीं खोला, लेकिन CCTV में जब वह बैग रखते दिख गया। तब उसने अपने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का कबूलनामा किया। साथ ही ACB पूछताछ में कई राज उगले हैं, परचेज कमेटी के अन्य सदस्यों और वरिष्ठ अफसरों की मिलीभगत की जांच किस स्तर पर ACB कर पाएगी, कहना मुश्किल है, क्योंकि इसमें कई अफसरों के शामिल होने के संकेत हैं। पूरा मामला खुला तो कई अफसर नप जाएंगे।

इन कामों में लिया गया कमीशन

आरोपी ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव ने कंप्यूटर प्रिंटर, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले एलईडी, ई-मित्र मशीनों की खरीद मामले में दो प्रतिशत कमीशन लिया था। वेद प्रकाश के इस तरह के बयान के बाद अब खरीद कमेटी में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक 5-7 अन्य अधिकारी भी अब ACB भी जांच के रडार पर आ गए हैं।

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