‘मैडम दूधो नहाओ पूतो फलो’
– फोटो : अमर उजाला

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कलेक्टर साहिबा, थों न्याल कर दिया…हे तो हेक ही आशीष देसो थे दूधो नहाओ पूतो फलो। यह उद्गार उन पाक विस्थापित परिवारों की महिलाओं के थे, जिनके आशियाने बनाने के लिए जैसलमेर मुख्यालय से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित मूलसागर गांव की आबादी भूमि से 500 मीटर की हद में जिला प्रशासन की पहल पर यूआईटी ने 40 बीघा जमीन मुहैया करवाई है।

बुधवार को जिला कलेक्टर टीना डाबी इस जमीन पर पाक विस्थापित परिवारों के बीच पहुंचीं और वहां पहुंचने पर उनका भावपूर्ण अंदाज में महिलाओं व पुरुषों ने स्वागत किया। कलेक्टर का आभार जताने वालों में विस्थापितों के लिए काम करने वाले प्रमुख संगठन सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा भी इस मौके पर मौजूद रहे।

महिलाओं के साथ जमीन पर बैठकर खिलाई मिठाई…

कलेक्टर डाबी ने वहां पहुंचते ही सबसे हाल-चाल पूछे और यह भी पूछा कि, इस जगह पर बसाए जाने पर वे कैसा महसूस कर रहे हैं? सभी ने हाथ जोड़ कर उनका शुक्रिया अदा करते हुए खुशी का इजहार किया। विस्थापित परिवारों की महिलाओं के बीच जमीन पर बैठी कलक्टर ने मिठाई मंगवाकर उनका मुंह मीठा करवाया तो एक बुजुर्ग ने पहले उनके हाथ से मिठाई लेकर उन्हें खिलाते हुए आशीर्वाद दिया कि अवश्य उनके बेटा होगा और वे बहुत खुश रहेंगी।

इस बात पर हंसते हुए कलेक्टर टीना ने कहा कि, बेटी होगी तो भी चलेगी। कलेक्टर का महिलाओं ने अभिनंदन किया। कलेक्टर ने घूंघट से चेहरा ढंके महिलाओं से कहा कि वे चेहरा तो दिखाएं। इस पर अनेक महिलाओं ने बहुत अनौपचारिक अंदाज में उनसे बातें की।

पहले से बेहतर जगह सुकून से रहेंगे पाक विस्थापित हिन्दू परिवार…

जिला कलेक्टर ने कहा कि अमरसागर में कैचमेंट एरिया में और किसी अन्य को आवंटित भूखंड पर काबिज होने से पाकिस्तान से आए विस्थापितों को हटाने की कार्रवाई ग्रामीणों की शिकायतों पर ही की गई थी। इसके बाद विस्थापितों की मांग पर उनके रहने की तत्काल व्यवस्था करते हुए रैन बसेरे में रहने-खाने की व्यवस्था की गई और हमने वादा किया था कि एक सप्ताह में उनके स्थायी रूप से बसने के लिए जमीन मुहैया करवाई जाएगी। इस बात की खुशी है कि यह वादा तयशुदा समय से पहले पूरा किया गया।

नागरिकता प्राप्त लोगों को जल्द मिलेंगे पट्टे…

मूलसागर में आबादी भूमि से 500 मीटर की परिधि में 40 बीघा जमीन केवल विस्थापितों के लिए आरक्षित की गई है। जहां वे सुकून के साथ रह सकेंगे, उन्हें उजाड़े जाने की कोई चिंता नहीं रहेगी। जिन्हें नागरिकता मिल चुकी है, वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर अपनी जमीन का पट्टा भी ले सकेंगे, जिनके पास अभी नागरिकता नहीं है, उन्हें भी यहां रहने में कोई परेशानी नहीं होगी।

जल्द होगी पानी-बिजली की व्यवस्था…

कलेक्टर टीना डाबी ने पानी-बिजली जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं भी जल्द करवाने का भरोसा दिलाया। हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि जब अमरसागर में कब्जे हटाने की कार्रवाई हुई, तभी से वे जिला कलक्टर के सम्पर्क में थे। उन्होंने एक दिन पहले ही जैसलमेर पहुंच कर सारी व्यवस्थाएं करने के लिए कलेक्टर का आभार जता दिया। मौके पर जेसीबी चलाकर जमीन के समतलीकरण का कार्य बुधवार को भी जारी था। विस्थापित परिवारों के लोगों में विशेषकर महिलाओं व बच्चों के चेहरों पर बसने के लिए नई जमीन मिलने की खुशी झलक रही थी। इस मौके पर यूआईटी सचिव जगदीश सिंह आशिया सहित जिला प्रशासन व यूआईटी के अन्य अधिकारी व कार्मिक मौजूद रहे।

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