पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट।
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में उधेड़बुन और सियासी दांव पेंच का माहौल बना हुआ है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने मुद्दों और 3 मांगों को लेकर अपनी ही पार्टी की गहलोत सरकार से अड़े हुए हैं, तो सीएम अशोक गहलोत भी झुकने को तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस हाईकमान की सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ पिछले दिनों दिल्ली में हुई समझाइश बैठक और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के गहलोत-पायलट के साथ आकर मीडिया को दिए बयान के बाद भी विवाद अनसुलझा ही है। बैठक के बाद सचिन पायलट टोंक में अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर स्पष्ट कर चुके हैं कि पेपर लीक मुद्दे, आरपीएससी में आमूल चूल परिवर्तन और पिछली वसुंधरा सरकार के कथित भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच की मांगों के मुद्दे से वो पीछे हटने वाले नहीं हैं ।
कैबिनेट बैठक के फैसले का इंतजार, राहुल गांधी के साथ एक और दौर की वार्ता संभव
कांग्रेस आलाकमान की काफी समझाइश के बावजूद गहलोत और पायलट के मन नहीं मिल सके हैं। सचिन पायलट के अल्टीमेटम का समय मई में खत्म हो चुका है। उसके बाद एक हफ्ता और निकल चुका। लेकिन अब तक उनकी एक भी मांग नहीं मानी गई है। सीएम गहलोत ने मंगलवार को अपने निवास पर कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक भी बुलाई है। जिसके बाद रात को मीडिया ब्रीफिंग होगी। इस बैठक में कुछ फैसले होने की उम्मीद पायलट खेमे को है। लेकिन माना जा रहा है इस बैठक में पायलट की मांगों पर सरकार ने अहम निर्णय नहीं किए, तो राहुल गांधी के विदेश दौरे से लौटने पर एक और दौर की वार्ता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस हाईकमान की होगी।
सचिन पायलट नहीं चाहते कांग्रेस छोड़ना, लेकिन बैकअप प्लान तैयार
सूत्रों के मुताबिक पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खुद कांग्रेस पार्टी को छोड़ना नहीं चाहते हैं। क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें पॉलिटिकल नुकसान होगा। जो सहानुभूति की उम्मीद की जा रही है वह हाथ नहीं आएगी। ऊपर से गहलोत खेमा फिर से आरोपों की झड़ी लगा देगा। इसलिए सचिन पायलट पार्टी के अंदर रहकर ही फाइट करना चाहते हैं। वह अपनी मांगों को मनवा कर दमखम दिखाना चाहते हैं। इसके लिए सचिन पायलट खेमे के मंत्री, विधायक और नेता लगातार पार्टी और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें कर रहे हैं। अलग पॉलीटिकल पार्टी बनाने की अफवाहें भी इसी का एक रणनीतिक हिस्सा बताई जा रही हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट पर कोई एक्शन लेती है, तो उसके लिए पायलट के पास प्लान भी तैयार है। जिसका खुलासा सचिन पायलट और उनके समर्थक नेता बिल्कुल भी करना नहीं चाहते हैं।
पायलट ने नहीं बनाई कोई पार्टी
‘प्रगतिशील कांग्रेस’ और ‘राज जन संघर्ष पार्टी’ नाम की दो पार्टियों को सचिन पायलट की बताते हुए अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन पायलट खेमे के सूत्रों ने इनकार किया है कि सचिन पायलट की इन पार्टियों में भागीदारी नहीं है। अभी कांग्रेस हाईकमान के आगामी स्टैंड का इंतजार किया जा रहा है।
कैबिनेट बैठक में कोई फैसला नहीं
गहलोत कैबिनेट की बैठक में सचिन पायलट की मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ। पायलट खेमे की उम्मीदों को इससे बड़ा झटका लगा है। पिछली बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के शासनकाल में हुए कथित घोटाले और भ्रष्टाचार की जांच, आरपीएससी को भंग करने, पेपर लीक मामले में प्रभावित सभी अभ्यर्थियों को आर्थिक मुआवजा देने की पायलट की मांग अधूरी ही रह गई है। माना जा रहा है अब राहुल गांधी के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही सचिन पायलट अपनी मांगों को आगे बढ़ाएंगे।