धरने पर बैठे ग्रामीण
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झुंझुनूं जिले के खरखड़ा गांव में पांच दिन पहले एलएनटी कंपनी के टैंक में गिरने से घायल हुए शख्स की जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में शव पहुंचते ही हंगामा शुरू हो गया। मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और धरने पर बैठ गए।
झुंझुनूं जिले के खरखड़ा निवासी कर्मचारी की मौत पर मुआवजे की मांग को लेकर गुरुवार शाम को ग्रामीण धरने पर बैठ गए। इस दौरान ग्रामीणों ने मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के दो सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। घटना की सूचना पर तहसीलदार विवेक कटारिया खेतड़ी नगर थाना अधिकारी अजय सिंह और एलएनटी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाइश करने का प्रयास किया, लेकिन मांग पूरी नहीं होने तक परिजनो ने शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्णय लिया।
जानकारी के अनुसार खरखड़ा निवासी मोहनलाल (50 साल) पुत्र गोविंद राम खेतड़ी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई करने वाली एलएनटी कंपनी में संविदा का कर्मचारी था। वह पिछले छह साल से कंपनी में संविदा पर रहकर पेयजल सप्लाई करने का काम करता था। शुक्रवार तीन जून की रात करीब 10 बजे गोठड़ा गांव के लिए पानी खोलने के लिए सीढ़ियों से अंडरग्राउंड टैंक में उतर रहा था। इसी दौरान पांव फिसलने की वजह से नीचे गिर गया। काफी देर बाद जब मोहन लाल कीर अपने घर नहीं पहुंचे तो उनके परिजनों ने तलाश की।
इसी दौरान मोहन लाल कीर अंडर ग्राउंड वाटर टैंक में वॉल के पास पड़ा हुआ था। ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला और हालत गंभीर होने पर जयपुर अस्पताल में पहुंचाया। मोहनलाल पिछले पांच दिन से कोमा में वेंटिलेटर पर जिंदगी मौत से संघर्ष कर रहा था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मोहनलाल की मौत की सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण उसके घर के सामने शव को रख कर जमा हो गए और मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि ठेका कंपनी ने मोहनलाल की कोई सुध नहीं ली। वह अपने परिवार में एकलौता कमाने वाला था और 8 हजार रुपये में अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। इस दौरान ग्रामीणों ने मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा देने और परिवार के दो सदस्यों को नौकरी लगाने की मांग की है।
घटना की सूचना पर तहसीलदार विवेक कटारिया, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता जेआर नायक एईएन सुनील कुमार, एलएनटी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप राठौड़, अकाउंटेंट इंचार्ज इंद्रजीत कुमार मंडल, विनय कुमार पाठक और ठेका कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया। तहसीलदार विवेक कटारिया ने बताया कि मृतक के दो बेटों को एलएनटी कंपनी में संविदा पर नौकरी ईएसआईसी पॉलिसी और पीएफ पॉलिसी के तहत तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता और पेंशन परिलाभ देने सहित कंपनी द्वारा अन्य कोई लाभ दिलवाने का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन कंपनी की ओर से 20 लाख रुपये का देने की मांग पर अड़े रहे।
शंकर सिंह सेफ्रागुवार ने बताया कि यदि कंपनी की ओर से जल्द ही उनकी मांगों को लेकर कोई विचार नहीं किया गया, तो ग्रामीणों की ओर से बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। मांग पूरी होने पर ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ता का दौर जारी रहा। लेकिन समझौता नहीं होने पर ग्रामीण शव को लेकर घर के सामने बैठे रहे।