प्रदेश के 27 जिलों में किसानों की जमीनें हुई कुर्क।
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साल 2023 में राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं। सोमवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी में एमपी के जबलपुर जिले से प्रदेश में चुनावी शंखनाद कर दिया। अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही है।
इसी तरह का एक वादा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के किसानों से किया था। जैसलमेर के पोकरण में 26 नवंबर-2018 को राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर, कांग्रेस की सरकार बनेगी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। ये वादा राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सभाओं में भी दोहराया था। चुनाव बाद दिसंबर-2018 में तीनों राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी।
लेकिन, हालात राहुल गांधी के इस वादे से बिल्कुल उलट हैं। चार साल में बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाने के कारण राजस्थान में 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें कुर्क कर ली गई हैं। ये बात विधानसभा में खुद गहलोत सरकार ने स्वीकार की है।
दरअसल, भाजपा विधायक विधायक नरपत सिंह राजवी ने सरकार से किसानों की जमीनें कुर्क करने को लेकर जानकारी मांगी थी। विधानसभा की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया कि राजस्व विभाग और राजस्व मंडल के आंकड़ों में 19 हजार 422 किसानों की जमीने कुर्क की गई हैं।
ये जानकारी सामने आने के बाद भाजपा गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई। विपक्षी पार्टी के नेताओं का कहना है कि हम इस मुद्दे को चुनाव में लोगों के बीच लेकर जाएंगे। किसानों की जमीनें कुर्क करने के आंकड़ों ने सिर्फ भाजपा को ही नहीं, बल्कि सभी को चौंका दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गहलोत सरकार किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती आई है।
सरकार के दावे के अनुसार प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए 51 छोटी-बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों के लिए पिछले दो साल से अलग कृषि बजट भी पेश किया जा रहा है। ऐसा करने वाला राजस्थान देश का इकलौता राज्य है। इसके अलावा भी कई ऐसी संस्थाएं हैं जो किसानों के लिए काम करती हैं। इसके बाद बाद भी कर्ज नहीं चुका पा रहे किसानों की जमीनें कुर्क की जा रही हैं। अब तक 19422 से ज्यादा किसानों की जमीनें कुर्क हो चुकी हैं, आने वाले समय ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
सरकार का दावा- 22 लाख किसानों का कर्ज माफ किया
प्रदेश की कांग्रेस सरकार का दावा है कि बीते चार साल में हमने 22 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है। साथ ही सरकार की ओर से किसानों के खातों में हर महीने एक हजार रुपये भी जमा कराए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार ने सिर्फ सहकारिता बैंकों से लिए गए किसानों का कर्ज माफ किया है। इसके लिए सरकार ने अब तक 14000-16000 करोड़ का भार वहन किया है।
लेकिन, किसान सिर्फ सहकारिता बैंकों से ही कर्ज नहीं लेते हैं। खेती के लिए किसान नेशनल, कॉमर्शियल और नेशनलाइज्ड रूरल बैंकों से भी कर्ज लते हैं। अच्छी फसल होने पर ये कर्ज वापस कर दिया था, लेकिन कई बार फसल खराब होने पर किसान के सामने संकट खड़ा हो जाता है। बैंक के पास गिरवी रखी किसानों की जमीन पर खतरा मंडराने लगता है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी 5-10 बीघा जमीन वाले छोटे किसानों को होती है। फसल खराब होने पर वे बैंक का पैसा नहीं चुका पाते, जिससे उनकी जमीन कुर्क करने की कार्रवाई शुरू हो जाती है।