सांसद किरोड़ी लाल मीणा
– फोटो : Amar Ujala Digital

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बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बयान जारी कर कहा कि 25 मई 2023 को मैंने राज्य सरकार की जयपुर में प्रताप नगर स्थित राज आंगन योजना (एनआरआई) में की जा रही बंदरबांट का खुलासा किया था। आज राज्य सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के नाम से आवंटित आवास को नोटिस जारी किया है।

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आवासन मंडल के जारी नोटिस पर कहा कि राज्य सरकार ने आरजी मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी को कौशल विकास के नाम पर जयपुर की राज आंगन योजना में बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव में दी। सोसायटी ने पुनर्निर्माण नियमों का खुलेआम उल्लंघन करने के साथ ही राज्य सरकार ने जिस उद्देश्य से कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र के लिए भूखंड आवंटित किया, उसका उल्लंघन किया है। सरकार नोटिस ही नहीं, सख़्त कार्रवाई करे।

ये था प्रकरण

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि चहेतों को स्किल डेवलपमेंट के नाम पर बंगले आवंटन किए गए। अब फिर से सांसद डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। डॉक्टर किरोड़ी ने स्किल डेवलपमेंट के नाम पर चहेतों को बंगले आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें पुनर्निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कालेधन का उपयोग किया जा रहा है। डॉ. मीना ने कहा कि अशोक गहलोत ने शांति धारीवाल को नगरीय विकास मंत्री जिस उद्देश्य के लिए बनाया लगभग वो उद्देश्य पूरा हो ही गया जैसे जमीनों का गलत आवंटन कर मोटी रकम ऐंठना। अपने मतलब के लोगों को कीमती जमीनें आवंटन करना। अपने विभागों जैसे जेडीए नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड में जो भ्रष्टाचार इन्होंने फैलाया है और आम आदमी व्यापारी का शोषण किया है, उसके कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

मंत्री धारीवाल पर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा लाल का बड़ा आरोप

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड के खंड-3 की राज आंगन योजना, प्रतापनगर, सांगानेर  मंत्री शांति धारीवाल ने अपने खास व्यक्ति अश्विनी आरजी मैमोरियल एजुकेशन सोसायटी कोटा को 2377.36 वर्ग मीटर जमीन दी है। इसकी कीमत 45 करोड़ है। उस जमीन को मात्र 6 करोड़, 18 लाख रुपये में अपने खास व्यक्ति को (जो कोटा का रहने वाला है) कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र के उद्देश्य को पूरा करने के लिए ज़मीन आवंटन कर दी। जिस उद्देश्य से मंत्री ने यह बेशकीमती जमीन आवंटित की, वहां वह कार्य नहीं होता। वहां न तो कौशल विकास का कार्य होता है, न ही कोई शिक्षा दी जाती है। आवंटी ने वहां विशाल बंगला बना लिया है, जहां देर रात तक शराब पार्टियां आए दिन चलती रहती हैं।

उन्होंने कहा पहले इस जमीन को अलग संस्था में रजिस्ट्रेशन कराकर आवंटन कराने की कोशिश की गई। लेकिन वो पॉलिसी के नियमों में फिट नहीं हो रही थी। क्योंकि उसके लिए 2500 मीटर की भूमि होना जरूरी था, फिर इसको वापस बदलकर कौशल विकास में लगाकर आवंटन करा लिया। इस जमीन के लिए 12 मार्च 2020 आवेदन की फाइल लगाई गई। जिसके आवंटन के लिए सभी अधिकारियों को एक ही जगह बुलाकर दिनांक 20 मार्च 2020 को एक साथ विभिन्न अधिकारी और कर्मचारियों ने नोटशीट पर 20 हस्ताक्षर किए।  

नोट शीट पर एक साथ 20 हस्ताक्षर कराए गए। 45 दिन बाद फिर एक दिन इनके खास अधिकारियों की मीटिंग हुई और बाकी के हस्ताक्षर 13 मई 2020 को एक ही साथ एक ही दिन में हो जाते हैं। इस जमीन के आवंटन में लेनदेन की बात नहीं बनी तो सात दिन बाद वो फाइल शांति धारीवाल के पास गई। उनके द्वारा नोटशीट पर लिख दिया गया नॉट अलाऊ। पैसों के लेनदेन की मांग पूरी हो जाती है तो और एक महीने बाद ही 12  जून 2020 में जमीन को धारीवाल द्वारा आवंटन कर दिया गया, इसका क्या मतलब है?

मतलब धारीवाल ने 45 दिन बाद रद्द आवंटन को इस जल्दबाजी से कर करोड़ों के घोटाले का संकेत है। उस जगह को हाउसिंग बोर्ड के बड़े अधिकारी के लिए ऐशो-आराम करने के लिए बैठक बना लिया है। जहां आये दिन पार्टियां चलती रहती हैं। उसके लिए हाउसिंग बोर्ड के सभी नियमों को ताक में रखकर NRI के एरिया में मुख्य सड़क की ओर बंगले के लिए अलग से गेट निकाला गया। ग़ैर NRI इसमें बस कर सरकार के पुनर्निर्माण नियम का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। पुनर्निर्माण की अगर जांच हो तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा।

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