जैन समाज के सदस्य।
– फोटो : Amar Ujala Digital

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चुनावी सुगबुगाहट शुरू होते ही राजनीति सामाजिक मंचों पर भी सक्रिय हो जाती है, हर समाज अपनी राजनीतिक भागीदारी के मोर्चा खोल देता है। अपनी जनसंख्या के आधार पर समाज राजनीतिक दलों से टिकट की मांग उठाने लग जाते हैं। विधानसभा चुनाव के चलते जैन समाज ने भी चुनावी रण में अपनी ताल ठोक दी है। जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रम में समाज ने दोनों बड़े दलों को टिकट देने के लिए दबाव बनना शुरू कर दिया है, समाज का कहना है कि इस चुनाव में टिकट से नीचे कोई भी चर्चा नहीं होगी। 

समाज के प्रकाश लोढ़ा ने कहा कि जैन समाज पिछले कई दशकों से राजनीतिक दलों को तन मन और धन से समर्थन करते आए हैं, परंतु इसके बदले समाज को नाम मात्र की ही भागीदारी मिलती आई है। लोढ़ा ने उदहारण देते हुए कहा कि जैन समाज के अजय धांधिया 1980 से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं हर संभव जगह पार्टी का समर्थन किया है, परंतु पार्टी ने सिर्फ आश्वासन से ही काम चलाया है, जबकि मालवीय नगर में ही 60000 जैन समाज के लोग निवास करते हैं और पूरे जयपुर में लगभग 1,50,000 जैन समाज के लोगों वोटर है, आदर्श नगर, किशनपोल व संगानेर विधानसभा में भी जैन समाज के बड़ी तादाद में जैन समाज के लोग रहते हैं।

 

जैन समाज का सबसे बड़ा कार्यक्रम दिल्ली रोड स्थित मोहनबाड़ी दादाबाड़ी पर आयोजित हुआ था। जैन धर्म के अनुयायी उपवास रख त्याग, तपस्या और साधना करते हैं, ये पर्व अपनी इंद्रियों पर काबू पाने और आत्मशुद्धि के लिए मनाया जाता है, जैन पंथ में अहिंसा और आत्मा की शुद्धि का विशेष महत्व है।

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