सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में राजस्थान के कई शहरों में तलाशी के बाद 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 64 लाख रुपये की सोने की ईंट जब्त की गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को यह जानकारी दी है।

ईडी ने एक बयान में कहा, छापेमारी एक सितंबर को राज्य की राजधानी जयपुर, अलवर, नीमराणा, बहरोड़ और शाहपुरा में स्थित विभिन्न परिसरों पर की गई। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एफआईआर से उपजा है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग लोक सेवकों को “रिश्वत देने” में शामिल थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) से उनके द्वारा प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और उनके द्वारा निष्पादित कार्यों के संबंध में अनियमितताओं को कवर करने के लिए।

एजेंसी ने आरोप लगाया, “संदिग्ध अपने टेंडरों/अनुबंधों में इसका उपयोग करने के लिए हरियाणा से चोरी किए गए सामान की खरीद में भी शामिल थे। उन्होंने पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन से फर्जी कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे।”

2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 64 लाख रुपये मूल्य की एक किलो सोने की ईंट, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित “आपत्तिजनक” दस्तावेज जब्त किए गए। जो दिखाते हैं कि पीएचईडी अधिकारियों की मिलीभगत से इन व्यक्तियों द्वारा बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। इसे राजस्थान में राज्य पीएचईडी द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

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