परिवर्तन यात्रा में बीजेपी नेता
– फोटो : अमर उजाला

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राजस्थान भाजपा की चौथी परिवर्तन यात्रा की शुरुआत मंगलवार को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी स्थित गोगाजी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने की। इस दौरान गोगामेड़ी में एक विशाल जनसभा को भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, सांसद राहुल कस्वा ने संबोधित किया। मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एंव सांसद सीआर चौधरी, स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, निहालचंद मेघवाल, बाबा बालकनाथ, नरेन्द्र खींचड और डॉ. रामप्रताप, संतोष एहलावत सहित भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण बगडी मौजूद रहे।

जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गोगाजी महाराज के मंदिर में मैने पूजा करके राजस्थान को सुजलाम सुफलाम बनाने और प्रदेश में प्रगति के लिए परिवर्तन यात्रा को शक्ति देने के लिए प्रार्थना की है। राजस्थान में परिवर्तन की मांग की है। मैं भी किसान हूं और किसान का बेटा हूं। मैं उस क्षेत्र से आता हूं, जहां किसान आत्महत्या के सारे रिकॉर्ड टूट गए। महाराष्ट्र के विदर्भ में दस हजार से ज्यादा किसानों ने पानी की कमी के चलते आत्महत्या कर ली। मैंने मेरे राजनैतिक जीवन में पूरा समय देकर विदर्भ में किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए काम किया है। आज किसान की सबसे बड़ी समस्या है, खेत को पानी मिलना। राजस्थान में भी पानी की कमी है। किसान के कुएं और बोर में पानी होगा तो ही वह दोगुनी फसल पैदा करेगा और उसकी समृद्धि होगी। अभी तो हमारे यहां भारत सरकार की योजना में तीन कुंए हैं और उनमें साढे सात हॉर्स पावर के तीन पंप मैने लगवाए हैं।

गडकरी ने कहा, इनमें सुबह आठ से शाम छह बजे तक पानी ही पानी होता है। जैसे आपके सतीश पूनिया जी को पीएचडी मिली हैं। एैसे ही मुझे भी 06 डी-लिट की उपाधि मिल चुकी हैं, जिसमें से चार एग्रीकल्चर साइंस में मिली हैं। इसलिए आपको एक मंत्र देना चाहूंगा कि दौड़ने वाले पानी को चलने में लगाओ, चलने वाले पानी को रूकने के लिए और रूकने वाले पानी को जमीन को पीने के लिए। गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में और घर का पानी घर में काम में लोगे तो कुएं में चौबीस घंटे पानी आएगा। जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मैंने सभी सांसदों से अपील की है कि आपके यहां जो भी एनएचआई का काम चल रहा है, वहां जिला कलेक्टर से आदेश निकलवाकर वहां नालों का खुलीकरण रूंदीकरण करवाएं।

उन्होंने कहा, जब मैं जल संवर्धन का मंत्री था तब वसुंधरा राजे और सांसद राहुल कस्वा हमारे यहां आते थे और कहते थे कि हमारे यहां बीते 25-30 सालों से योजनाएं अटकी हुई हैं। इन्हे मंजूर कराने के लिए ये मेरे पास आते थे। ये योजनांए कौन सी थी पहली इंदिरा कैनाल परियोजना जिसका कंक्रीटीकरण करना था। इस कैनाल का प्रकाश सिंह बादल के गांव में पेटा क्षतिग्रस्त हो गया था। मैंने वसुंधरा राजे से पूछा कि पंजाब की नहर से आपका क्या काम है तो उन्होंने कहा कि इस कैनाल से राजस्थान के आठ जिलों में पानी की पूर्ति होगी। तब हमने 2500 करोड़ की लागत से इस कैनाल का कंक्रीटीकरण कराया था। मेरे समय में दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान के मुख्यमंत्री मेरे पास बैठे थे। बहुत लंबा समय हो गया, लेकिन सवाल सुलझ नहीं रहा था। तब मैंने कहा था कि जब तक इस डायलॉग पर गतिरोध समाप्त नहीं होगा इस कार्यालय का दरवाजा नहीं खुलेगा।

गडकरी ने कहा, मुझे खुशी है कि सुलह हुई और 1965 से 2019 तक के लंबित मामलों का निपटारा हुआ। सभी राज्यों के पानी से जुड़े मामले बेहद बुरे हाल में थे। लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना, रेणुका परियोजना, किसाऊं परियोजना और ताजेवाला बैराज से राजस्थान को पानी देने वाली योजनाओं को मंजूरी मिली। वसुंधरा राजे सरकार के समय वसुंधरा राजे ने मुझसे मांग की, यमुना लिंक का पानी झुंझुनूं और चूरू को मिलना चाहिए, इसके लिए भी हमने डीपीआर बनवाई थी। अभी गजेन्द्र शेखावत इस विभाग के मंत्री हैं, मुझे उम्मीद है कि राजस्थान को लाभ मिलेगा।

जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, चूरू के सांसद राहुल कस्वां और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीन आरओबी रक्षासेतु बंधन योजना में मुझसे मांगे हैं, जिसमें नौहर, गोगामेड़ी और भादरा शामिल हैं। इन तीनों को मैं मंजूरी देता हूं। चूरू रिंग रोड की मांग की भी मंजूरी और डीपीआर पर आज से ही काम शुरू करने को बोलूंगा। राजस्थान में बीते सालों में इतने रोड बने हैं कि सभी को पता है। मेरे पास वसुंधरा राजे, राहुल कस्वां और राजस्थान के आईएएस अधिकारी सचिव राजीव महर्षि मेरे पास आए थे। राजीव महर्षि ने परेशान होकर की एनएचआई की योजना पूरी ही नहीं होती तो इसे वापस लेकर किसी अन्य मद के काम करा दीजिए। तब मैंने कहा था कि वसुंधरा राजे जी अब यूपीए की सरकार नहीं है, आप देखते जाइए पांच सालों में कितनी सड़कें आपके यहां बनती हैं। हमने नदियों को जोड़ने का काम किया, जिसमें यमुना संपर्क परियोजना, साबरमती परियोजना, पार्वती संपर्क परियोजना और राजस्थान में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, बायपास सड़क, 15 आरओबी बनाने का काम किया। राजस्थान में किसान कपास उगाता है। लेकिन कपास सस्ती, कपड़ा महंगा, संतरा सस्ता, ज्यूस मंहगा है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आज का समय तकनीक का समय है।

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के समय मुझे बुलाकर पूरे देश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर काम करने के लिए मुझे कहा गया था, जिसके तहत हमने देश के गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने का काम किया था। इसके लिए आपके मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत ने मुझे राजस्थान बुलाकर सराहना भी की थी। बीते नौ सालों में आपके राजस्थान में चार गुना ज्यादा सड़कें बनी हैं, और यह राजस्थान के लिए ऐतिहासिक काम है। देश के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिनके राज में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग बने हैं।  

जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि किसानों का भला पुराने ढर्रे पर चलने से नहीं होगा। आज किसान को अन्नदाता, ऊर्जादाता, बिटुमिन दाता और हाइड्रोजन दाता बनने का समय है। आज गन्ने के ज्यूस, सीरा, मक्के, ज्वारी, बाजरा और सभी चीजों से एथेनॉल बनता है। इस दिशा में किसानों को सोचने की जरूरत है। अभी दस दिन पहले टोयोटा की एक कार इनोवा लांच करने के अवसर पर मुझे बुलाया गया था। ये सभी कारें एथेनॉल वाले ईंधन से चलने वाली कारें होंगी। चांवल की परली से भी एथेनॉल बनाने का काम चल रहा है। किसान तभी आत्मनिर्भर बनेगा, जब इस तरह के आधुनिक पहल में साझीदार होगा। इसलिए राजस्थान में विकास चाहते हैं तो परिवर्तन लाइए और विकास में सहयोग कीजिए।

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