मुकाबले के लिए तैयार उम्मीदवार।
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पाली जिले और पाली लोकसभा क्षेत्र में स्थित मारवाड़ जंक्शन विधानसभा सीट पाली, सुमेरपुर और सोजत विधानसभा से सटी हुई है। वर्तमान में यहां से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह जोजावर हैं। जो विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यहां बीजेपी भारी है, लेकिन अबकी बार कांग्रेस से कड़ा मुकाबला रहेगा।
इस विधानसभा में आजादी के बाद अब तक 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें तीन बार निर्दलीय, एक बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार जनता पार्टी, छह बार भाजपा, जबकि चार बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। यहां पर 1962, 1972 और 1980 में कांग्रेस काबिज रही।
मारवाड़ जंक्शन में 1985 में खुला भाजपा का खाता
भाजपा यहां पर 1985 में अपना खाता खोल पाई और इसके बाद 1990 और 1993 में लगातार तीन बार भाजपा के खंगार सिंह ने जीत हासिल कर रिकार्ड कायम किया। वर्ष 1998 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के केसाराम चौधरी ने जीत हासिल कर लगातार चौथी बार इस सीट को भाजपा की झोली में डालते हुए भाजपा का कब्जा बरकरार रखा।
1980 के बाद 2003 में खुला कांग्रेस का खाता
इसके बाद 2003 में यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी खुशवीर सिंह ने जीत हासिल की और लंबे समय बाद कांग्रेस का इस सीट पर फिर से खाता खुल पाया। इसके बाद 2008 और 2013 में भारतीय जनता पार्टी से केसाराम चौधरी फिर से लगातार दो बार जीते और वर्ष 2018 में इस सीट पर खुशवीर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल कर कब्जा कर लिया।
टिकट के लिए जारी है घमासान
वर्ष 2003 में कांग्रेस के सिम्बल अजर 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने खुशवीर सिंह कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि यदि इन्हें कांग्रेस टिकट नहीं देती है, तो ये निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व विधायक केसाराम चौधरी को टिकट मिलने की क्षेत्र में चर्चा है। वैसे दोनों ही दलों में टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन है, लेकिन ये दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं।
इन्होंने जताई दावेदारी
नवम्बर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट के लिए वर्तमान विधायक खुशवीर सिंह जोजवर, खेतसिंह मेड़तिया, 2018 में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रहे जसाराम राठौड़, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चाड़वास, नगेन्द्र गुर्जर, पोपट पटेल, नारायण सिंह जाड़न, घीसाराम चौधरी, कमल किशोर राईका सहित कई अन्य नेता भी शामिल हैं। यहां से भाजपा के टिकट पर दोवेदारी जता रहे दावेदारों में ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष हेमंत चौधरी, किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष खीवांराम ढारिया, पूर्व जिला प्रमुख पेमाराम चौधरी, इन्दर सिंह खिंवाड़ा, योगी गिरवरनाथ और सुनील चौधरी, भंवर चौधरी, दिनश चौधरी सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। ये सभी टिकट के दावेदार फील्ड में भी सक्रिय हो गए हैं और टिकट पाने का जुगाड़ करने के साथ ही जनसंपर्क में जुट गए हैं।
हो सकती है कांटे की टक्कर
यदि भाजपा इस बार फिर से पूर्व विधायक केसाराम चौधरी को अपना प्रत्यशी बनाती है और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में खुशवीर सिंह चुनावी रण में उतरते हैं, तो मारवाड़ जंक्शन विधानसभा में भाजपा और कांटे की टक्कर होगी। पिछले चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी खुशवीर सिंह की जीत महज 265 मतों से हुई थी। इसके पीछे भी भाजपा के बागी और पूर्व मंत्री रहे लक्ष्मीनाराण दवे का निर्दलीय चुनाव लड़ना बड़ा कारण था, जिसका सीधा फायदा निर्दलीय प्रत्याशी खुशवीर सिंह को हुआ था।
ये रहेंगे चुनावी मुद्दे
भाजपा जहां परिवर्तन यात्रा निकालकर प्रदेश में बढ़ते अपराध, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बेरोजगारी, पेपर लीक प्रकरण, महंगे पेट्रोल-डीजल को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी है। वहीं, कांग्रेस अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर वोट मांगेगी। गहलोत ने मारवाड़ जंक्शन की जनता को खूब सौगातें दी हैं, जिनमें करीब 70 करोड़ रुपए खर्च कर मिसिंग लिंक सड़कों के निर्माण, पीजी कॉलेज, 8वीं से 12वीं तक की एक दर्जन स्कूल और 5वीं से 8वीं तक की करीब डेढ़ दर्जन स्कूल को अपग्रेड करना, देसूरी में लेपर्ड कन्जर्वेशन सेंटर की स्वीकृति, खारड़ा-मामावास और रानी-नाड़ोल, सिरियारी-देसूरी के बीच सड़क निर्माण, राव बीकाजी सोलंकी पैनोरमा, वौपारी में 135 केवी जीएसएस, सालरिया में 33 केवी जीएसएस, 25 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को क्रमोन्नत करना, पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 14 उप स्वास्थ्य केन्द्र, पशु उप स्वास्थ्य केन्द्र, क्षेत्र में पुलों का निर्माण शामिल है।