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राहुल गांधी ने जयपुर में वीटी रोड पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये कार्यकर्ताओं का सम्मेलन है। यहां पहली बार मैंने देखा है कि हजारों बब्बर शेर एक साथ बैठे हुए हैं। शांति से बैठे हुए हैं, नफरत का बाजार नहीं है, मोहब्बत की दुकान है। अहंकार नहीं है, नफरत नहीं है, मोहब्बत है, इज्जत है, प्यार है। ये फर्क है, बीजेपी में और कांग्रेस पार्टी में, विचारधारा की लड़ाई चल रही है।

राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से बोले-आप दूर-दूर से आए हैं। जैसे राजस्थान में रणथंभौर है। रणथंभौर में आप गए होंगे, तो वहां पर एक शेर को देखने के लिए घंटे लग जाते हैं, मतलब ढूंढो उसको, 6-7 घंटे लगते हैं और फिर एक झलक दिखती है, वो भाग जाता है। आप में से कई लोग रणथंभौर गए होंगे। यहां पर पहली बार मैंने देखा है कि हजारों बब्बर शेर एक साथ बैठे हुए हैं। शांति से बैठे हुए हैं, नफरत का बाजार नहीं है, मोहब्बत की दुकान है। अहंकार नहीं है, नफरत नहीं है, मोहब्बत है, इज्जत है, प्यार है। ये फर्क है, बीजेपी में और कांग्रेस पार्टी में, विचारधारा की लड़ाई चल रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी वाले पहले माइक ऑफ करते थे, अब टीवी ऑफ कर देते हैं। तो पता नहीं आपमें से सबने देखा या नहीं, मगर बीजेपी वालों ने जरूर देखा और उसके बाद मेरी जो लोकसभा की सदस्यता है, उसे रद्द कर दिया, जैसे गाड़ी में एक्सीलेटर दबाते हैं, वैसे मेरे केस का एक्सीलेटर दबा दिया और दो दिन में निर्णय दे दिया।

पहली बार हिंदुस्तान में डीफेमेशन के लिए मैक्सिमम पनिशमेंट दो साल की, मेरी लोकसभा की मेंबरशिप रद्द कर दी, क्यों की? क्योंकि डर लगता है। तारीखें आप मिला लीजिए। जैसे ही मैंने लोकसभा में भाषण दिया, वैसे ही मेरे केस का एक्सीलेटर दबा दिया गया। मैंने जिस दिन प्रेस वार्ता की, उस दिन पीएम मोदी जी ने स्पेशल सेशन लागू कर दिया और पहले महिला आरक्षण की बात नहीं की। आपको याद होगा पहले हिंदुस्तान के नाम को बदलने की बात थी, याद है आपको? इंडिया से भारत, अब पहली बात, कांस्टीट्यूशन में साफ लिखा है इंडिया दैट इज़ भारत, मतलब दोनों नाम कांस्टीट्यूशन में हैं। मगर इन्होंने पहले नया बहाना बनाया, इंडिया बनाम भारत। कोई झगड़ा नहीं है इंडिया और भारत के बीच में, मगर इन्होंने कोशिश की, भैया इंडिया और भारत के बीच में लड़ाई कराओ। थोड़े दिनों में उन्हें पता लग गया कि जनता इसको एक्सेप्ट नहीं करेगी। जनता ये बात को सुनने के लिए तैयार ही नहीं है। प्रॉब्लम हो गई, अब स्पेशल सेशन में क्या करें। स्पेशल सेशन तो अनाउंस कर दिया, अब क्या करें। चलो, महिला आरक्षण की बात करते हैं। अब देखिए, महिला आरक्षण का हमने पूरा समर्थन किया है। राजीव गांधी जी पंचायती राज में महिला आरक्षण लाए थे। हमने और इंडिया ने, जो हमारा गठबंधन है, सब पार्टियों ने कहा कि हम इस बिल को पूरा समर्थन देते हैं। 

सवालों के मांगे जवाब

राहुल गांधी बोले- मगर इसमें हमारे दो-तीन सवाल हैं, सवाल के जवाब दे दीजिए। पहला सवाल- इसमें ओबीसी महिलाओं के लिए रिजर्वेशन क्यों नहीं किया? 

दूसरा सवाल- बीजेपी के लोग कहते हैं कि महिला आरक्षण करने से पहले नए सेंसस की जरूरत है और नए डिलिमिटेशन की जरूरत है। ये सच नहीं है। महिला आरक्षण को लागू करने के लिए विधानसभा और लोकसभा की 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं को आज दी जा सकती हैं। मगर इन्होंने बहाना बनाया है। ये चाहते हैं कि महिला आरक्षण 10 साल में लागू हो। हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण आज लागू हो और ओबीसी महिलाओं को महिला आरक्षण का फायदा मिले।

हिंदुस्तान को एमएलए और एमपी नहीं चलाते 

राहुल गांधी ने कहा कि अब पार्लियामेंट में मेरा भाषण था, तो भाषण के लिए मैंने थोड़ी रिसर्च की, हमारे जो इंस्टीट्यूशंस हैं। जो संस्थाएं हैं, उसमें ओबीसी वर्ग की, दलित वर्ग की, आदिवासी वर्ग की क्या भागीदारी है। तो मैंने क्या देखा, हिंदुस्तान को 90 लोग चलाते हैं। आज के हिंदुस्तान को एमएलए और एमपी नहीं चलाते हैं। आज के हिंदुस्तान को प्रधानमंत्री 90 अफसरों के साथ चलाते हैं। वो कौन हैं ? वो हिंदुस्तान की सरकार के सेक्रेटरी हैं। हर मिनिस्ट्री को, सेंट्रल मिनिस्टरी को सेक्रेटरी चलाते हैं। तो मैंने एक बात चेक की, कि ये जो 90 लोग हैं, जो हिंदुस्तान की सरकार को चलाते हैं, पूरा का पूरा पावर इनके हाथ में है, हिंदुस्तान किस ओर जाएगा? शिक्षा में क्या निर्णय लिए जाएंगे ? स्वास्थ्य में क्या निर्णय लिए जाएंगे? नरेगा का डिजाइन कैसे होगा? भोजन के अधिकार का डिजाइन क्या होगा? ये 90 लोग चुनते हैं, ये डिसाइड करते हैं। तो मैंने सोचा कि देखता हूं इन 90 लोगों में नरेंद्र मोदी जी की सरकार में ओबीसी कितने हैं?

90 लोगों में से 3 लोग ओबीसी वर्ग के 

राहुल गांधी बोले नरेंद्र मोदी जी 24 घंटे ओबीसी की बात करते हैं। आज 90 लोगों में से 3 लोग ओबीसी वर्ग के हैं। वो तीन लोग हिंदुस्तान के सिर्फ पांच प्रतिशत बजट पर निर्णय लेते हैं। मतलब तीन हैं और सरकार में उनकी कोई पावर नहीं है। कोई नहीं सुनता उनकी, उनको कोने में रखा हुआ है। तो फिर पार्लियामेंट में मैंने एक और सवाल पूछा, जो शायद हिंदुस्तान के लिए, ओबीसी वर्ग के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल है और वो ये है कि इस देश में ओबीसी कितने हैं, दलित कितने हैं, आदिवासी कितने हैं? कौन से समाज के कितने लोग हैं और ये सवाल का जवाब सिर्फ कास्ट सेंसस से मिल सकता है। जैसे ही मैंने कास्ट सेंसस की बात शुरु की, पार्लियामेंट हाउस में आप देख लेना, बीजेपी के लोग, बीजेपी के नेता, बीजेपी के मंत्री, एमएलए, सब चिल्लाने लगे, मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की। टीवी का कैमरा हिल गया कि देश के ओबीसी को ये पता ना लगे कि हिंदुस्तान की सरकार को 90 लोग जो चलाते हैं, उनमें से सिर्फ 3 ओबीसी वर्ग से आते हैं।

प्रधानमंत्री कास्ट सेंसस से क्यों डरते हैं?

राहुल गांधी बोले- जो मैंने बात उठाई पार्लियामेंट हाउस में 90 लोगों में से तीन लोग ओबीसी क्यों हैं? 5 प्रतिशत बजट इन लोगों के हाथ में क्यों हैं, क्या ओबीसी की आबादी 5 प्रतिशत है? नहीं, ये कोई नहीं जानता। कोई कहता है, 50 प्रतिशत, कोई कहता है 45 प्रतिशत, कोई कहता है 55 प्रतिशत। मैं सिर्फ ये कह रहा हूं किसी को चोट लगती है, पहला काम क्या करते हैं – पहला काम अस्पताल में जाते हैं, कहते हैं भैया एक्सरे करो। एक्सरे करो, पता लगाओ कि असलियत क्या है। हड्डी टूटी है, हां या नहीं? कौन सी हड्डी टूटी है? कास्ट सेंसस भाइयों और बहनों एक्सरे है। कास्ट सेंसस से पूरा पता लग जाएगा। हिंदुस्तान में कौन-कौन लोग हैं? महिलाएं कितनी हैं, ओबीसी कितने, दलित, आदिवासी, माइनॉरिटी, जनरल कितने, पता लग जाएगा। एक्सरे के बाद काम किया जा सकता है। अगर हम ओबीसी को भागीदारी देने की बात करते हैं, तो बिना कास्ट सेंसस के ये किया ही नहीं जा सकता है। तो प्रधानमंत्री 24 घंटे ओबीसी की बात करते हैं। ओबीसी की इज्जत की बात करते हैं, तो फिर प्रधानमंत्री कास्ट सेंसस से क्यों डरते हैं? प्रधानमंत्री जी अगले भाषण में आप हिंदुस्तान को बता दीजिए, कांग्रेस पार्टी ने कास्ट सेंसस किया था, आंकड़े आपके पास हैं। उन आंकड़ों को आप हिंदुस्तान के सामने रख दीजिए, हिंदुस्तान की जनता को दिखा दीजिए और अगला जो सेंसस है, उसको आप कास्ट बेसिस पर कीजिए। ओबीसी का अपमान मत कीजिए, ओबीसी को धोखा मत दीजिए।

हमारी सरकार ने आपसे झूठे वादे नहीं किए

राहुल ने कहा कि यहां पर राजस्थान में हमारी सरकार ने आपसे झूठे वादे नहीं किए। 21 लाख किसानों को 14 हजार करोड़ रुपये राजस्थान की सरकार ने दिया है। चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को आप जानते हैं, कुछ दिन पहले मैं रेलवे स्टेशन पर कुलियों से बात करने गया। उन्होंने मुझे बुलाया। उन्होंने मेरा एक वीडियो देखा और उन्होंने कहा हम आपसे बात करना चाहते हैं, मैं गया। उनकी समस्या समझने, उनके दिल की आवाज को सुनने। मुझे कहते हैं राहुल जी, राजस्थान में राजस्थान की सरकार ने जो स्वास्थ्य योजना पर काम किया है, उसने हमारी जान बचा दी। हमारे घुटने खत्म हो गए, हम वजन नहीं उठा पा रहे हैं। राजस्थान की सरकार ने हमारी मदद की, हम ये कभी नहीं भूल सकते हैं। शिक्षा में 3,600 इंग्लिश मीडियम स्कूल हमने खोले हैं।  

दुनिया में अगर आप किसी से बात करना चाहते हैं, आपको अंग्रेजी की जरूरत होगी

लोकसभा में एक दिन मैंने देखा बीजेपी के एमपी अंग्रेजी के खिलाफ लंबा भाषण दे रहे हैं और हिंदी के बारे में बोल रहे हैं, हिंदी सबको सीखनी चाहिए, मगर अंग्रेजी भी सीखनी चाहिए। दुनिया में अगर आप किसी से बात करना चाहते हैं, आपको अंग्रेजी की जरुरत होगी। हिंदुस्तान में अगर आप किसी से बात करना चाहते हैं, आप हिंदी में कर सकते हैं, दोनों की जरूरत पड़ती है। बाद में मैं गया पीछे और मैंने उनसे पूछा भैया एक बात बताइए। आपने अंग्रेजी के खिलाफ बात की, आपके जो बच्चे हैं, वो हिंदी मीडियम स्कूल में जाते हैं या अंग्रेजी मीडियम स्कूल में? इंग्लिश मीडियम स्कूल में जाते हैं, मतलब ये चाहते हैं कि इनके बच्चे अंग्रेजी सीखें और गरीबों के बच्चे अंग्रेजी ना सीखें। मतलब दो हिंदुस्तान बनें, इनके बच्चे अंग्रेजी सीखकर अमेरिका जाएं, जापान जाएं, चीन जाएं और गरीबों के बच्चे अंग्रेजी ना सीखें और बाकी दुनिया में ना जा पाएं, बाकी दुनिया से बातचीत ना कर पाएं। हमें दो हिंदुस्तान नहीं चाहिए, हमें एक हिंदुस्तान चाहिए।

नफरत के बाजार के अंदर मोहब्बत की दुकान खोलिए

तो बब्बर शेरों, आपकी सरकार ने राजस्थान के लोगों को स्वास्थ्य योजना दी। आपने कर्जा माफ करवाया। भइया यहां पर सिलेंडर कितने का है – (सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा 500 रुपये का)। ये गहलोत जी ने, खरगे जी, मैंने, ये हमने नहीं किया है, ये कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता ने हमें कहकर करवाया है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान की महिलाओं को 500 रुपये का गैस सिलेंडर दिलवाया है, ये भूलिए मत। 100 यूनिट मुफ्त इलेक्ट्रिसिटी, बिजली आपने दी, इंदिरा रसोई में 8 रुपये में खाना आप देते हैं। मैंने आपको हथियार दिए हैं, चुनाव का समय है। बीजेपी के कार्यकर्ता आपके सामने आएंगे, सवाल पूछिए, कास्ट सेंसस क्यों नहीं करवा रहे हो? हमने आपको स्वास्थ्य योजना दी, 500 रुपये का सिलेंडर दिया, कर्जा माफ किया, ये आपके हथियार हैं। मैदान में जाइए सच्चाई रखिए और ये जो नफरत फैलाते हैं, इनके नफरत के बाजार के अंदर मोहब्बत की दुकान खोलिए।

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