भाजपा (सांकेतिक तस्वीर)।
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राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड में नजर आ रही है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव पर चर्चा करने के लिए शनिवार को नई दिल्ली में बैठक आयोजित की। बैठक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से ठीक एक दिन पहले आयोजित की गई।
पार्टी सूत्रों की मानें तो अलवर के सासंद बालकनाथ के साथ बातचीत कर बैठक शुरू की गई। बैठक केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर आयोजित की गई। बता दें, पार्टी आलाकमान ने प्रह्लाद जोशी को विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया गया है। सांसद के बाद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जोशी के साथ उनके आवास पर तीन घंटे तक चर्चा की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनसे मुलाकात की। बाद में जोशी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे। इसके बाद भाजपा नेता अरुण सिंह, राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी, सांसद कैलाश चौधरी, राजेंद्र राठौड़ और आरएसएस नेताओं सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जोशी के आवास पर चर्चा की।
भाजपा ने प्रदेश को सात जोन में बांटा
सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरने के निर्णय के बाद राजस्थान में हर हाल में जीत हासिल करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर दिया है। इस रणनीति के तहत प्रदेश को सात जोन में बांटकर इसमें शामिल 44 जिलों की जिम्मेदारी 44 नेताओं को दी गई है। खास बात यह है कि प्रभारी तय करते समय नेतृत्व ने जिले के सामाजिक समीकरण का खास ख्याल रखा है। नियुक्त किए गए सभी प्रभारी राज्य से बाहर के हैं। इन नेताओं को अपने जिले की विधानसभा सीटों का प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है। इन्हें स्थानीय स्तर पर मुद्दे तय करने, उम्मीदवारों की मदद करने, सीट वार स्थिति से नेतृत्व को अवगत कराने और केंद्रीय नेताओं के कार्यक्रम का समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने सभी सात जोन के लिए प्रभारी और सह प्रभारी भी नियुक्त किए हैं।